राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है.
गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार शाम एक ‘गेम जोन’ में भीषण आग लगने से 9 बच्चों समेत कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई. अभी मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाना-मावा रोड स्थित गेम जोन में यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चों सहित कई लोग खेल रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि गेमिंग गतिविधियों के लिए निर्मित फाइबर के एक ढांचे में शाम करीब साढ़े चार बजे आग लग गई. भीषण आग के कारण ढांचा ध्वस्त हो गया.
इन पांच चूक ने ली 27 लोगों की जिंदगी...
- हालांकि, भीषण आग लगने का सही कारण पता नहीं चल पाया है. लेकिन कहा जा रहा है कि टीआरपी गेम जोन में मरम्मत और रेनोवेशन का काम चल रहा था. मरम्मत और रेनोवेशन के चलते ऐसी काफी चीज वहां रखी गई थी जो ज्वलनशील थी यानी जो आसानी से आग पकड़ सकती थी.
- टीआरपी गेम जोन के पास फायर एनओसी भी नहीं था. हर राज्य की अग्निशमन सेवा द्वारा फायर एनओसी जारी किया जाता है. इसके तहत ये सत्यापित किया जाता है कि किसी इमारत में आग से संबंधित किसी भी दुर्घटना की संभावना है कि नहीं. लेकिन टीआरपी गेम जोन के पास फायर एनओसी नहीं था.
- प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मरम्मत और रेनोवेशन के काम चलते वहां बड़ी संख्या में प्लाई के टुकड़े और लकड़ियां रखी हुई थी. जो कि फैली हुई थीं. ये सभी चीजें आसानी से आग की चपेट में आ गई और इससे आग ने विकराल रूप ले लिया. आग लगते ही कुछ सेकंड के अंदर सब कुछ जल गया.
- सूत्रों के अनुसार टीआरपी गेम जोन में कई हजार लीटर पेट्रोल रखा हुआ था. जिसके कारण आग और तेजी से फैल गई और इसके चपेट में आकर सब जल गया और 32 लोगों की मौत हो गई.
- गर्मी की छुट्टी के चलते टीआरपी गेम जोन में काफी भीड़ थी. यहां पर अंदर जाने का और बाहर आने का केवल एक ही रास्ता था. ऐसे में आग लगने के बाद लोग वहां से आसानी से नहीं निकल पाए .सरकार ने घटना की जांच अपर पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी है.
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