राजस्थान के चरवाहे राजू सिंह ने क्यों 1 करोड़ रुपये की कीमत लगने के बावजूद अपने भेड़ को बेचने से किया इनकार?

जब से भेड़ की कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है, तब से अब इसे झुंड के अन्य भेड़ों से अलग रखा जा रहा है और अनार, पपीता, बाजरा और हरी सब्जियों का विशेष आहार दिया जा रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
चुरू:

राजस्थान के चुरू जिले में एक चरवाहे ने 1 करोड़ रुपये की पेशकश मिलने के बावजूद अपने भेड़ को बेचने से इनकार कर दिया है. बताया जा रहा है कि मेमने के पेट पर उर्दू में इस्लाम की पवित्र संख्या 786 लिखा हुआ है. गौरतलब है कि 786 की संख्या को भारतीय उपमहाद्वीप में मुसलमानों द्वारा पवित्र माना जाता है.

चरवाहे राजू सिंह को पहले समझ में नहीं आया कि इस संख्या का क्या मतलब है, लेकिन अपने गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात करने के बाद, उन्हें पता चला कि यह '786' के लिए उर्दू अंक है. इस संख्या को इस्लाम में पवित्र माना जाता है, और इसका उपयोग अक्सर ईश्वर के आशीर्वाद के तौर पर देखा जाता है. 

सिंह ने कहा कि भेड़ का जन्म पिछले साल हुआ था और उन्हें इसके लिए अब तक 70 लाख और  1 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन उन्होंने जानवर को नहीं बेचने का फैसला लिया है. क्योंकि वो उनका बहुत प्रिय है. जब से भेड़ की कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है, तब से अब इसे झुंड के अन्य भेड़ों से अलग रखा जा रहा है और अनार, पपीता, बाजरा और हरी सब्जियों का विशेष आहार दिया जा रहा है. इसकी उच्च कीमत के कारण सिंह ने भेड़ की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए हैं और इसे अपने परिवार के साथ अपने घर के अंदर रखते हैं.

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
PM Modi क्यों बना रहे हैं भारत को सुरक्षा महाशक्ति? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article