राजस्थान में कोचिंग सिटी के नाम से प्रसिद्ध कोटा जिला अब लगातार हो रही बच्चों की सुसाइड से सुर्खियों में बना हुआ है. हाल ही में कोटा में कोचिंग संस्थानाें की संख्या में वृद्धि के साथ लगातार इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. इस सिटी में JEE और NEET के एंट्रेंस की तैयारी कराने वाले दर्जनों कोचिंग संस्थान हैं.
इन कोचिंग संस्थान में लाखों बच्चे अपने सपनों को लेकर यहां आते हैं. वहीं शिक्षा नगरी में हो रही आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी अब प्रशासन और सरकार के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है. इसे लेकर राजस्थान सरकार इस मानसून सत्र में राजस्थान प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल ला सकती है. यह सभी प्राइवेट शैक्षणिक और कोचिंग संस्थानों से जुड़ा कानून है. इसमें रजिस्ट्रेशन, फीस नियंत्रण और फीस वापसी के प्रावधान शामिल हैं.
राजस्थान में विधानसभा का यह 8वां सत्र है. इस बिल को लेकर बीजेपी नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि "आत्महत्या की प्रवृत्ति इन वर्षों में बढ़ी हुई दिखाई पड़ती है. सरकार ने सदन में और सदन के बाहर कई बार घोषणा की है कि हम एक बिल लेकर आएंगे. सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया. ये सरकार तोथा चना बाजे, घना की नीयत में केवल घोषणा करती है."
वहीं राजस्थान में कांग्रेस विधायक रफीक खान ने राजस्थान प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल को लेकर बताया कि बिल काफी सारे आ चुके हैं और मंगलवार को हाउस की मीटिंग होने की संभावना है, जिसमें आने वाले बिल की दिशा तय होगी. मुख्यमंत्री ने सोशल सिक्योरिटी बिल के लिए भी बोला है, लेकिन बिल आए तो भी या ना आए तो भी पूरी तरह सरकार ने संज्ञान में लिया है. ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हों, इसके लिए सरकार लामबंद है."