जल ही जीवन है! पानी की बर्बादी रोकने के लिए राजस्थान सरकार सख्त, यहां जान लीजिए नया नियम

राज्य सरकार ने पानी की लीकेज और घरेलू कनेक्शन के कमर्शियल उपयोग को रोकने के लिए नया आदेश जारी किया है.

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मुंबई:

राजस्थान(Rajasthan) का एक बहुत बड़ा हिस्सा पीने की पानी की समस्या से जूझता रहा है. राज्य सरकार द्वारा उठाए गए तमाम प्रयासों के बाद भी जल संकट की समस्या राजस्थान में गंभीर रही है. हालांकि आपूर्ति की समस्या और पेयजल की बर्बादी के कारण भी कुछ जगहों पर समस्याएं देखने को मिलती है. अब राज्य सरकार इसे लेकर सख्त होती दिख रही है. इसके लिए बाकायदा जलदाय विभाग (Rajasthan Department of Water Resources) के द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं. भजनलाल सरकार ने पानी की बर्बादी करने वाले के खिलाफ जुर्माना लगाने का फैसला लिया है. 

क्या है नया नियम? 
राजस्थान की जलदाय विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत पानी के घरेलू कनेक्शन को लेकर नियम बनाए गए हैं. पहले राज्य में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए कोई उचित नियम नहीं थे. हालांकि अब सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए इसके लिए नियम बना दिया है. राज्य सरकार ने पानी की लीकेज और घरेलू कनेक्शन के कमर्शियल उपयोग को रोकने के लिए 1 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके बाद भी अगर यह नहीं रोका गया तो प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपये वसूले जाएंगे.

घर के अंदर भी नलों में लीकेज पर लगेगा फाइन
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार घर में प्राथमिक उपयोग के अलावा उद्यानों, सिचाई कार्य, भवन निर्माण, सार्वजनिक फव्वारे, स्विमिंग पूल, सजावटी कार्य में पानी का उपयोग आप बिना इजाजत करते हैं तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही घरों के अंदर भी नलों में लीकेज की समस्या होगी तो उसकी जिम्मेदारी भी घर के मालिक पर ही जाएगी. 

कमर्शियल उपयोग को लेकर भी सरकार सख्त
सरकार की तरफ से जारी नियम के अनुसार अगर घरेलू कनेक्शन के नाम पर कोई पानी का उपयोग रेस्तरां, होटल, बोर्डिंग हाउस या आवासीय क्लब, थिएटर, सिनेमाघर के लिए करता है तो वो भी नियम का उल्लंधन माना जाएगा. इसके लिए नियम के तहत अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई उपभोक्ता इसका उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो तुरंत फोटो और वीडियो लें और दोषी पर जुर्माना लगाए. 

राजस्थान में पेयजल है बड़ी चुनौती
राजस्थान के कई हिस्सों में पेयजल आज भी बड़ी चुनौती की तरह है. लोगों को कई किलोमीटर जाकर पीने के लिए पानी लाना होता है. केंद्र सरकार की तरफ से चलाए जा रहे जल जीवन मिशन के तहत प्रयास हो रहे हैं लेकिन अभी कई हिस्सों में अधिकारियों को भी पेयजल पहुंचाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. 

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