अस्पताल के बेड पर लाल चादर लपेटे एक युवती लेटी हुई है... हाथ और मुंह से जली हुई खाल साफ दिख रही है... लग रहा है जैसे होश में हो.. अभी बोल पड़ेगी.. लेकिन वह हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह चुकी है... साथ में परिजन खड़े हैं. दरअसल, राजस्थान के कोटा से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ.... के नारों के बीच लड़कियों की पहले और अब की स्थितियों में फर्क तो बहुत आया है, लेकिन कुछ जगह आज भी कुंठा से ग्रसित पुरुषों का शिकार बच्चियां हो रही हैं. पता तब चल रहा है जब बड़ा हादसा हो जाता है. दरअसल कोटा ग्रामीण के बूढादित थाना क्षेत्र में एक 18 साल की लड़की ने आत्मदाह क कोशिश की. युवती ने खुद पर डीजल छिड़ककर आग लगा ली, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए एमबीएस हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में भर्ती करवाया गया. लड़की की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.
18 साल की युवती 12वीं तक पढ़ी थी... आगे बढ़ने के सपने देख रही थी...
18 साल की ये युवती पढ़ी-लिखी थी... आगे पढ़ने के सपने वह देख ही रही थी कि उसके साथ बहुत बड़ा हादसा हो गया... अब उसके सपने मौत के साथ खत्म हो गए हैं. परिजनों ने बताया कि उनकी 18 साल की भतीजी 12 तक पढ़ी थी. कुछ बनने के सपने देख रही थी.
पड़ोस में ही मिठाई की दुकान पर बैठने वाले दो चचेरे भाइयों ने किया था अगवा
गांव में उनके घर के पास दो चचेरे भाइयों की कचौड़ी और मिठाई की दुकान है. देर रात करीब डेढ़ बजे करीब दोनों भाई उनकी भतीजी को अगवा करके दुकान पर ले गए. एक भाई बाहर बैठ गया, दूसरे ने भतीजी को अंदर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इसी बीच घरवालों में से कोई पानी पीने के लिए उठा तो देखा बेटी घर में नहीं है. बाहर जाकर देखा तो दुकान की ओर से चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं. जब परिजन दुकान पर पहुंचे तो गेट पर धक्का देकर खोलने की कोशिश की तो बाहर मौजूद दूसरा भाई मारपीट करने लगा. हंगामा बढ़ा तो गेट खोला. इसके बाद भतीजी रोते हुए घर आई और कमरे में चली गई. वहां डीजल की भरा डिब्बा रखा था. उसने अंदर से कुंडी लगाकर खुद को आग लगा ली. परिजनों ने जैसे तैसे आग को बुझाया . बच्ची बुरी तरह जल चुकी थी. इलाज के लिए कोटा लाया गया और पुलिस में एसपी को शिकायत दर्ज करवाई गई.
पुलिस का बयान
डीएसपी शिवम जोशी ने बताया कि लड़की के पिता ने एसपी को जानकारी दी है जिसमें अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है. इस वारदात के बाद बेटी ने आत्मदाह की कोशिश की. एमबीएस अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई है.
आखिर कब तक बेटियां शिकार होती रहेंगी
आप समझ सकते हैं कि जरा सा ताप लगते ही इंसान कितनी बुरी तरह तड़प जाता है. उस बेटी की दिमागी स्थिति कैसी रही होगी कि उसने डीजल डालकर खुद को इतनी पीड़ा दी. उसके सपनों का क्या होगा... उसके माता-पिता का क्या होगा... जो अपनी बेटी को इतने दर्द में देखने के लिए मजबूर हुए... सवाल कई हैं... जवाब देने वाला कोई नहीं है. पुलिस और कानून अपना काम करेंगे.. लेकिन बच्चियों को लेकर समाज के ऐसे पुरुषों की सोच कब बदलेगी इसी का इंतजार है...