राजस्थान कांग्रेस में बड़ा संकट खड़ा हो गया. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे वक्त से चल रही खटपट अब इस रूप में सामने आई है कि गहलोत गुट के विधायकों के स्पीकर को इस्तीफ़ा सौंपने की ख़बर आई. गहलोत गुट का दावा है कि उनके साथ 92 विधायक हैं. अब राजस्थान भेजे गए कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन दिल्ली लौट रहे हैं. आज दोपहर ये दोनों दिल्ली लौट आएंगे. यहीं आगे की रणनीति तय होगी. इस बीच पार्टी पर्यवेक्षक अजय माकन ने कहा कि विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री न बनाने की मांग पर अड़े हैं. हाईकमान से 19 अक्टूबर के बाद फैसला लेने की मांग की गई है.
विधायकों द्वारा तीन शर्तें रखी गई हैं....
-अशोक अध्यक्ष बने तभी इस्तीफ़ा दें
-2020 के वफ़ादार में से ही सीएम बने
-गहलोत के चुनाव पर ही बने मुख्यमंत्री
सूत्रों के मुताबिक- एक नजर गहलोत की पसंद पर
सीपी जोशी- गहलोत समर्थक, विधानसभा अध्यक्ष
गोविंद सिंह डोटासरा- गहलोत समर्थक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और जाट नेता
बीडी कल्ला- गहलोत समर्थक, बीकानेर से विधायक
राजस्थान कांग्रेस का संकट- कल कब क्या हुआ
कल शाम 7 बजे CLP की बैठक होनी थी
CLP की बैठक में एक प्रस्ताव पास होना था
CM चुनने का अधिकार आलाकमान को देना था
गहलोत समर्थक विधायक CLP में नहीं पहुंचे
CLP की जगह गहलोत समर्थक खाचरियावास के घर पहुंचे
गहलोत समर्थक विधायकों ने एक अलग प्रस्ताव पास किया
2020 में कांग्रेस वाफ़ादारों में से CM बनाने का प्रस्ताव
2020 में पायलट और समर्थकों पर लगा था बग़ावत का आरोप
प्रस्ताव पास कर गहलोत गुट के विधायक वि.सभा अध्यक्ष के घर पहुंचे
गहलोत समर्थकों ने सीपी जोशी को सौंपा इस्तीफ़ा
गहलोत गुट का दावा, 92 विधायकों ने सौंपा इस्तीफ़ा
देर रात विधायक स्पीकर के घर से निकले विधायक
सोनिया जी हमारी बात सुनें: गहलोत गुट
माकन, खड़गे, पायलट सीएम गहलोत के घर पहुंचे
तीनों के साथ 22-23 विधायक भी पहुंचे
गहलोत ने कहा, मेरे हाथ में कुछ नहीं : सूत्र
विधानसभा का गणित कुल सीट: 200, बहुमत: 101
कांग्रेस 108
बीजेपी 71
निर्दलीय 13
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 3
सीपीएम 2
भारतीय ट्राइबल पार्टी 2
आरएलडी 1
राजस्थान: सरकार के साथ
कांग्रेस : 108
निर्दलीय : 12
सीपीएम : 2
राष्ट्रीय लोकदल : 1
सूत्रों के मुताबिक- किसके कैंप में कितने नंबर?
गहलोत के साथ: 80-90
पायलट के साथ: 25-26
गौरतलब है कि अजय माकन ने आज कहा कि जो विधायक अशोक गहलोत जी के साथ थे, उनके लिए ईमानदार थे. उनमें से ही कोई बनाया जाना चाहिए. सचिन पायलट या उनके गुट से नहीं बनाया जाना चाहिए और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी अशोक गहलोत और सबसे बात करके फैसला लेंगी. प्रथम दृष्टि से तो ये अनुशासनहीनता ही है. जब ऑफिश्यिल मीटिंग बुलाई गई है और उसी के समानांतर अनऑफिश्यिल मीटिंग बुलाई गई है तो प्रथम दृष्टि से तो अनुशासनहीनता ही है. अब आगे देखते हैं कि क्या कार्रवाई होती है.
माकन ने ये भी कहा कि हम लोगों को या किसी को नहीं पता कि कितने विधायक थे, कौन विधायक थे, जिन्होंने इस्तीफा दिया है या नहीं दिया है. ये सभी कांग्रेस के विधायक हैं. हम उम्मीद करते हैं कि हम साथ बैठकर इसका हल निकाल लेंगे और हम वापस दिल्ली जा रहे हैं और पूरी रिपोर्ट हम कांग्रेस अध्यक्षा को सौंपेंगे.