वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर पलटवार करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि वित्त मंत्री को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए था कि वह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के खिलाफ हैं ताकि लोग उनकी मंशा जान सकें. उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने गोलमोल जवाब दिया, जो उचित नहीं है.
गहलोत ने कहा, “हम कर्मचारियों पर दया या एहसान नहीं कर रहे हैं. यह कर्मचारियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण का सवाल है.'' गहलोत ने कहा कि लंबी सेवा के बाद कर्मचारियों को भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस करना चाहिए और शेयर बाजार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.
गहलोत ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘वित्त मंत्री होने के नाते, वह (निर्मला सीतारमण) ऐसे जवाब दे रही हैं जिनका कोई मतलब नहीं है. वित्त मंत्री का जवाब समझ से परे है. उन्हें पता होना चाहिए कि मानवाधिकार आयोग ने इसका विरोध किया है.”
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचीं. उन्होंने राजस्थान के उद्योगपति और प्रेस से बातचीत करते हुए कई विषयों पर अपनी राय देते हुए कांग्रेस पर बड़ा बयान दिया. वित्त मंत्री ने ERCP पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा, 'नर्मदा नदी के पानी को गुजरात तक नहीं पहुचने के लिए यूपीए सरकार ने रोका था. कांग्रेस का हमेशा प्रयास रहा कि नान कांग्रेस सरकार वाले राज्यों को चाहे कितनी भी दिक्कत क्यों न हो, पर उन्होंने हमेशा कांग्रेस और नान कांग्रेस का खेल खेला.'
वहीं, वित्त मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने ERCP पर बातचीत की, क्योंकि हमारा प्रयास सबका साथ सबका विकास है. वित्त मंत्री ने राजस्थान के बजट पर भी चुटकी लेते हुए कहा, पुराना बजट पढ़ दिया, भगवान किसी भी वित्त मंत्री के साथ ऐसा न करें. लेकिन बजट की घोषणा में वो ही बोले, जो पूरा कर सकें. अगर राज्य के पास पैसे हैं तो घोषणा करें, किसी और के ऊपर जिम्मेदारी न छोड़े.
पुरानी पेंशन योजना पर भी बात करते हुए वित्त विभाग के सचिव बोले, 'राज्य सरकार इसको टाल रही है. OPS आज तो देना नहीं है, 30 साल बाद देना है. जब जिसकी सरकार होगी वो देखेगी, आज तो टला.' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कांग्रेस ने जो भी किया आज उनके ही सामने है. भारतीय रिजर्व बैंक अपेक्षित सीमा के भीतर मुद्रास्फीति का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा.