राजस्थान के अलग-अलग जिलों में बच्चों की मौत के मामले में एक नई जानकारी सामने आई है. केंद्र सरकार का कहना है कि बच्चों की मौत का कफ सिरप पीने से कोई लेना-देना नहीं है. इसकी असली वजह इंसेफेलाइटिस है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की घटनाओं को एकसाथ जोड़कर देखा जा रहा जो कि सही नहीं है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जिन बच्चों की मौत हुई है उन्हें कफ सिरप नहीं दिया गया. इन बच्चों की मौत एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की वजह से हुई है. इन बच्चों को जो दवाएं दी गई, उनमें अन्य तरह का कैमिकल मिला है जिसका डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) से संबंध नहीं है.
कफ सिरप सैंपल की जांच
अधिकारी ने कहा कि राज्य नियामक संगठन ने जब इन दवाओं के सैंपल की जांच की तो उसमें जानलेवा डीईजी की मौजूदगी नहीं पाई गई. इसलिए राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई बच्चों की मौत के लिए अलग अलग कारण जिम्मेदार हैं. हालांकि राजस्थान औषधि नियंत्रक विभाग ने अन्य राज्यों की तरह कफ सिरप की जांच के आदेश देने के साथ ही श्री सन फार्मास्युटिकल पर बैन लगाया है.
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम क्या है?
यह दिमाग की एक सूजन जिसमें बुखार, चेतना, सिरदर्द, भ्रम, दौरे या कोमा जैसे लक्षण होते हैं. यह विभिन्न प्रकार के संक्रमणों जैसे वायरस, बैक्टीरिया, कवक, और परजीवी भी के कारण होता है, जिसमें जापानी इंसेफेलाइटिस प्रमुख है. यह एक जानलेवा बीमारी है, जिसमें तत्काल चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होती है.
राजस्थान में चार बच्चों की मौत
राजस्थान में अब तक 4 बच्चों की मौत की जानकारी सामने आई है. इसमें सीकर के श्रीमाधोपुर में एक, भरतपुर में दो और एक चुरू में हुई है. चूरू में 6 साल के बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने सरकारी अस्पताल द्वारा दी गई कफ सिरप पर सवाल उठाए हैं.