'राजस्थान में कांग्रेस की सरकार अब जुमा-जुमा चार दिन की है'. यह बात राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया में राज्य के दो दिग्गज नेताओं सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे राजनीतिक टकराव के बीच कही. NDTV को दिए गए विशेष इंटरव्यू में गहलोत ने दावा किया था कि सचिन पायलट के साथ बीजेपी राजस्थान की कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश में शामिल थी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूनिया ने कहा कि गहलोत का दावा बेबुनियाद है. वे अपनी नाकामी का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ रहे हैं. पूनिया ने कहा कि चार साल के इलू-इलू के इस खेल में यदि कोई हारा है तो वह राजस्थान की जनता है.
इस सवाल पर कि गहलोत ने आरोप लगाया है कि सचिन पायलट धमेंद्र प्रधान से मिले, अमित शाह से मिले और 10 करोड़ रुपये मिले. बीजेपी और सचिन पायलट में पर्दे के पीछे दोस्ती है, पूनिया ने कहा, " इन बातों का न कोई प्रमाण है, न कोई आधार है. केवल यह उनका दावा है जो न प्रूव हुआ है, न होगा. यह तो मैं भी कह सकता हूं कि उन्होंने कितने अनैतिक काम किए होंगे सरकार बचाने के लिए. ऐसे आरोप राजनीति में सामान्य तौर पर लग सकते हैं. प्रश्न यह है कि कांग्रेस की बुनियाद कमजोर थी अंतर्कलह 2018 में सीएम की शपथ के बाद नारे लगे थे, "राजस्थान का मुख्यमंत्री कैसा हो, सचिन पायलट जैसा हो" ये नारे हमने नहीं लगवाए थे. राजद्रोह के मुकदमे से लेकर बर्खास्तगी तक हमने नहीं किया था, यह उनकी पार्टी का मसला था.आज कांग्रेस आलाकमान इस बात संज्ञान क्यों नहीं लेता कि उनकी सीएलपी की मीटिंग में विधायक नहीं जाते, विधायक इस्तीफा दे देते हैं. स्पीकर ने सरकार को बचाए रखा है यदि स्पीकर वे इस्तीफे जो जायज हैं, स्वीकार कर लें तो कांग्रेस खुद संकट में है."
जब सचिन पायलट किसी रिजॉर्ट में विधायकों के साथ थे तो क्या बीजेपी के किसी बड़े नेता ने पायलट से मुलाकात की थी, इस सवाल के जवाब में पूनिया ने कहा-हमारे कोई संबंध नहीं हैं. वे हमारे प्रतिद्वंद्वी है, दूसरी पार्टी के हैं.उनकी पार्टी में क्या होता है हमें एक जागरुक विपक्ष के नाते सतर्क रहना होता है. उनका अपना झगड़ा था जिसका निपटारा अभी तक नहीं हुआ है. हमारे न पायलट से मुलाकात हुई है और न कोई लेना-देना है. 10 करोड़ रुपये की बात जो अशोक गहलोत कह रहे हैं कि उनके विधायकों को ऑफर दिए गए, इसके जवाब में बीजेपी नेता ने कहा- यह फिगर कहां से आया, यह समझ में नहीं आया. ऐसे आरोप तो मैं भी लगा सकता हूं, इन चीजों का कोई वजूद नहीं है.
गहलोत के इंटरव्यू के बाद अब राजस्थान बीजेपी आगे क्या करेंगी, इस सवाल पर पूनिया ने कहा कि हम स्पीकर से फिर जवाब मांगेंगे, उन्होंने समय मांगा था. इस्तीफे अगर स्वीकार होते हैं तो कांग्रेस संकट में आती है. इन चार साल में इलू-इलू के खेल में राजस्थान की जनता हर तरीके से प्रताडि़त हुई है, उसकी भरपाई कांग्रेस कैसे करेगी. इस पूरे खेल में यदि कोई हारा है तो वह राजस्थान की जनता है. राजनीतिक तौर पर क्या करेंगे, इसके जवाब में पूनिया ने कहा कि यदि धुआं हैं तो आग भी निश्चित रूप से ही होगी. इस सरकार के अब ज्यादा दिन नहीं हैं, अब यह वेंटीलेटर पर ही है.
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