राजस्थान चुनाव 2023 : अशोक गहलोत को 'समर्थन' देना क्या उनके करीबियों को अब पड़ रहा भारी?

सूत्र ने कहा कि सोनिया गांधी ने पूछा कि जो लोग पार्टी के खिलाफ काम करते हैं, वे राजस्थान चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट का हिस्सा कैसे हो सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 13 mins
जयपुर:

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 (Rajasthan Assembly Elections 2024) के मद्देनजर अशोक गहलोत-सचिन पायलट (Ashok Gehlot-Sachin Pilot Saga) के बीच का विवाद सीएम के कुछ करीबी और सहयोगियों को मुश्किल में डाल सकता है. कांग्रेस आलाकमान ने कथित तौर पर उम्मीदवारों की सूची में गहलोत के करीबियों में एक नेता के नाम पर आपत्ति जताई. सूत्रों के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पूछा कि जो लोग पार्टी के खिलाफ काम करते हैं, वे ऐसी लिस्ट में कैसे शामिल हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि शहरी विकास व संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के अलावा दो अन्य मंत्रियों के टिकट भी खतरे में पड़ सकते हैं.

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने बुधवार को नई दिल्ली में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग की. इस मीटिंग में स्क्रीनिंग कमेटी ने विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों की एक लिस्ट पेश की थी. इसमें अशोक गहलोत और सचिन पायलट का नाम भी शामिल है.

प्रमुख पॉइंट
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने धारीवाल का नाम इस लिस्ट में होने पर आपत्ति जताई है. शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ ने पिछले साल कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव से पहले कथित तौर पर बगावत की थी. इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट में इन तीन नामों को देखकर भड़कीं सोनिया गांधी, तीनों गहलोत के करीबी

तब अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदारों में एक बनकर सामने आए थे. बाद में गहलोत से कहा गया था कि उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए उन्हें 'एक व्यक्ति-एक पद सिद्धांत' के तहत राजस्थान का मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा. इसके बाद गहलोत के करीबी कम से कम 80 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. ये सभी विधायक सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध कर रहे थे. उन्होंने सरकार के खिलाफ पायलट के 2020 की बगावत का हवाला दिया था.

25 सितंबर 2022 को विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के बजाय धारीवाल के घर पर बैठक में हिस्सा लिया. जिसे आलाकमान के ऐतराज के बाद रद्द करना पड़ा था. धारीवाल ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि अशोक गहलोत 'असली आलाकमान' थे. इसके बाद कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन को बैठक में शामिल हुए बिना ही नई दिल्ली लौटना पड़ा.

माकन और खरगे ने शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ पर घोर अनुशासनहीनता के आरोप लगाए थे. इन्हें आलाकमान ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. अब इस बार के चुनाव में ये तीनों नेता टिकट की आस लगाए बैठे हैं.

इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना अपने समर्थकों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि उनकी सीटों पर कोई विकल्प नहीं है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने सचिन पायलट के खेमे के किसी भी विधायक को टिकट दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं जताई है.

सचिन पायलट के सभी समर्थक विधायकों को मिलेगी टिकट.. दिल्ली PC में CM गहलोत ने दिया संकेत

उम्मीदवारों का चुनाव
सूत्रों ने कहा कि 106 सीटों पर सिर्फ एक ही उम्मीदवार के नाम थे, जिसके कारण राहुल गांधी को कहना पड़ा कि उन्हें इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या इन सीटों के लिए कोई दूसरा दावेदार नहीं है. राहुल गांधी ने कहा, "55-60 नामों पर सहमति बन गई है. बाकी पर दोबारा से विचार किया जाएगा." इस बीच एक सूत्र ने कहा, ''शांति धारीवाल के अलावा दो अन्य मंत्रियों के टिकट भी सवालों के घेरे में हो सकते हैं.''

Advertisement

अब उम्मीद है कि शुक्रवार को राज्य में प्रियंका गांधी की रैली के कुछ दिनों बाद कांग्रेस की पहली राजस्थान सूची जारी की जाएगी. कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी शनिवार को दोबारा बैठक करेगी और रविवार को केंद्रीय चुनाव समिति को सूची देगी. 

बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा. 3 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी.

मेरे कारण उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए... वसुंधरा राजे को लेकर बोले CM गहलोत, वजह भी बताया

Featured Video Of The Day
Chhattisgarh के बीजापुर में नक्सलियों से मुठभेड़, एनकाउंटर के दौरान DRG जवान शहीद, 3 घायल | BREAKING