वसुंधरा राजे को 'साइडलाइन' कर कौन से 'फॉर्मूले' पर राजस्थान चुनाव लड़ना चाहती है BJP?

वसुंधरा राजे की राजस्थान विधानसभा चुनाव में भूमिका के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, वे पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. अभी कैंपेन कमेटी के संयोजक और उसके सदस्यों की घोषणा होना बाकी है.

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वसुंधरा राजे सिंधिया जेपी नड्डा टीम का हिस्सा हैं और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.

नई दिल्ली:

राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections 2023) होने में तीन महीने का कम वक्त बचा है. चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी भले ही न किया गया हो, लेकिन बीजेपी (BJP) और कांग्रेस के बीच हलचल तेज हो गई है. बीजेपी ने गुरुवार को स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट और मेनिफेस्टो कमेटी बनाई. गौर करने वाली ये है कि पार्टी ने किसी भी कमेटी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) को जगह नहीं दी है. इन सबके बीच सवाल ये है कि क्या राजस्थान में वसुंधरा राजे के लिए अब कुछ नहीं बचा है? आखिर बीजेपी के इस फैसले के क्या मायने हैं? सवाल ये भी है कि वसुंधरा राजे को साइडलाइन करके बीजेपी किस फॉर्मूले पर राजस्थान का चुनाव लड़ेगी?

दो कमेटियों में वसुंधरा राजे को जगह नहीं दिए जाने का मामला उठा, तो बीजेपी ने अपनी तरफ से सफाई भी दी. पार्टी का कहना है कि राजे एक जानी-मानी नेता और राजस्थान में बड़ा चेहरा हैं. उनके लिए दूसरा रोल है. लिहाजा उन्हें ऐसी कमेटियों में शामिल करने की जरूरत नहीं. वहीं, बीजेपी ने राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए भी स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का ऐलान किया. पार्टी के तर्क से उलट मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़े चेहरों को कमेटियों में शामिल किया गया है.

बीजेपी की ओर से इलेक्शन कमेटियों के नामों की घोषणा को लेकर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी दोनों मौजूद थे. इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी की जिम्मेदारी पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया को दी गई है. इलेक्शन मेनिफेस्टो बनाने वाली कमेटी की कमान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को सौंपी गई है. 

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इन दोनों ही कमेटियों में राजस्थान बीजेपी की कद्दावर नेता और दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे सिंधिया को शामिल नहीं किया गया है. हालांकि, कई दूसरे वरिष्ठ नेताओं को भी इसमें जगह नहीं दी गई है. लेकिन वसुंधरा का नाम शामिल न होने के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. वैसे अभी इलेक्शन कैंपेन कमेटी का ऐलान होना बाकी है. 

पहले जानिए किसे मिली कौन सी कमान?
- इलेक्शन मेनिफेस्टो कमेटी की कमान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को दी गई है.
-राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ीलाल मीणा सह संयोजक बनाए गए हैं. 
-अल्का सिंह गुर्जर, राव राजेंद्रसिंह, सुभाष मेहरिया, प्रभुलाल सैनी और राखी राठौड़ को भी सह संयोजक बनाया गया है.
-स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट के लिए एक कमेटी बनाई गई है.
- प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को इसका संयोजक बनाया गया.
- पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ सह संयोजक बनाए गए हैं.
- ओंकार सिंह लखावत, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, दामोदर अग्रवाल, सीएम मीणा और कन्हैया लाल बैरवाल को सह संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है.

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यह तर्क दिया जा रहा है कि चूंकि वसुंधरा राजे सिंधिया जेपी नड्डा टीम का हिस्सा हैं और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इसलिए उन्हें कोई और जिम्मेदारी दी जाएगी. लेकिन पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई, जहां कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर को इसकी कमान सौंपी गई है.

राजे के अलावा और भी कई बड़े नेताओं के नाम नदारत
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के अलावा प्रदेश के कई और बड़े नेताओं का नाम इन दोनों समितियों में शामिल नहीं है. जिसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पार्टी इन चार्ज अरुण सिंह, गजेंद्र शेखावत, सतीश पुनिया और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर शामिल नहीं है. राज्य के चुनाव तक यह देखना दिलचस्प होगा कि वसुंधरा राजे का इस्तेमाल पार्टी कैसे करती है. अगर उन्हें साइडलाइन किया जाता है तो उनकी जगह कौन लेगा?

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राजस्थान में क्या है बीजेपी का फॉर्मूला?
बीजेपी विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ेगी. पीएम मोदी इस साल की शुरुआत से अब तक 6 बार राज्य का दौरा कर चुके हैं. हालांकि, सिर्फ मोदी फैक्टर ही किसी राज्य का चुनाव जीतने के लिए काफी नहीं है. हिमाचल और कर्नाटक चुनावों के नतीजे के बाद बीजेपी ये अच्छी तरह से समझ चुकी है. ऐसे में राजस्थान का फॉर्मूला एक सामूहिक नेतृत्व का फॉर्मूला रहेगा. इस फॉर्मूले पर काम भी शुरू हो हो गया है. सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. जोशी साधारण व्यक्तित्व और सादगी की सियासत के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे में टकराव की स्थिति में बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंच रहा था. राजस्थान को लेकर बीजेपी का संदेश साफ है. अगर वसुंधरा राजे चेहरा नहीं हैं, तो और कोई भी नहीं है. बीजेपी के लिए पार्टी सर्वोपरी और सर्वप्रथम है.
 

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लोकसभा चुनाव के लिए वसुंधरा को बनाया गया झारखंड का प्रभारी
हाल ही में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर से आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका, तब वसुंधरा राजे को 2024 के चुनाव के लिए झारखंड का प्रभारी बनाकर किनारे लगाने की कोशिश भी की गई. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. वसुंधरा राजे ने अंदरखाने बातचीत की और केंद्र भी समझ गया कि उनके बिना राजस्थान में उतरे तो हाथ खाली ही रह जाएगा. शायद इसीलिए पार्टी अपने फैसले पर दोबारा सोचने को मजबूर हुई.

दिल्ली में BJP के वरिष्ठ नेताओं से मिली थीं वसुंधरा राजे
इस बीच हाल ही में वसुंधरा राजे दिल्ली आकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से मिलीं. उन्होंने पार्टी मुख्यालय में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात की. ये मुलाकात राजस्थान में होने वाले चुनावों के मद्देनजर काफी अहम मानी जा रही है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि बीजेपी आलाकमान वसुंधरा की ताकत को भांप चुका है और अब आगामी चुनावों में उन्हें बड़ी भूमिका सौंपा जाना लगभग तय है. 

राजे को सीएम चेहरा बनाने की हो रही मांग
राजे की भूमिका बारे में पूछा गया तो पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने केवल इतना कहा, "बाकी सभी वरिष्ठ नेता प्रचार करेंगे. पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाती है और सबको जिम्मेदारी पार्टी देगी." विश्लेषकों के अनुसार पार्टी को अभी राज्य में प्रचार प्रसार समिति बनानी है और देखना होगा कि इसमें राजे का नाम आता है या नहीं. वहीं, वसुंधरा राजे के समर्थक इस बार भी उन्हें राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर उतारने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी को इस मांग पर भी विचार करना है.

राजस्थान में और कौन हैं सीएम चेहरे के दावेदार?
गुटबाजी से बचने के लिए फिलहाल बीजेपी ने राजस्थान में कोई सीएम चेहरा तय नहीं किया है. पार्टी का कहना है कि चुनाव के नतीजे के बाद सीएम कौन होगा, इसका फैसला किया जाएगा. वैसे राजस्थान में सीएम चेहरे की दावेदारी के लिए वसुंधरा राजे का नाम सबसे पहले है. उसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, गजेंद्र सिंह शेखावत, मेजर राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सतीश पुनिया, सुनील बंसल का नाम है.

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