राजस्थान विधानसभा में 7 दिन से चल रहा गतिरोध खत्म, कांग्रेस के 6 विधायकों का निलंबन वापस, जानें पूरा मामला

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में चले रहे गतिरोध को समाप्त कराने में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बड़ी भूमिका रही. गुरुवार को सीएम भजनलाल शर्मा ने पक्ष और विपक्ष के विधायकों के साथ बैठक की, जिसके बाद गतिरोध खत्म करने की बात पर सहमति बनी.

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राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा.

Rajasthan Assembly Session: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) के निलंबन से शुरू हुआ गतिरोध 7 दिन बाद गुरुवार को समाप्त हो गया. राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित 6 पार्टी विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया. अब राजस्थान विधानसभा में सुचारू रूप से काम हो सकेगा. मालूम हो कि विधानसभा में गतिरोध पिछले शुक्रवार को राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी और फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर की गई टिप्पणी के कारण बना हुआ था. जो गुरुवार को कांग्रेस विधायकों के निलंबन को वापस लेने से समाप्त हुआ.

गतिरोध समाप्त कराने में सीएम की रही बड़ी भूमिका

विधानसभा में चले रहे गतिरोध को समाप्त कराने में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बड़ी भूमिका रही. गुरुवार को सीएम भजनलाल शर्मा ने पक्ष और विपक्ष के विधायकों के साथ बैठक की, जिसके बाद गतिरोध खत्म करने की बात पर सहमति बनी. सीएम ने ही स्पीकर देवनानी को भी मनाया, क्योंकि वो अपने खिलाफ की गई टिप्पणी से काफी आहत थे. 

सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया. विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. जिसके बाद छह विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया गया.

स्पीकर बोले- अनुशासन का उल्लंघन सही नहीं

भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि हर व्यक्ति भगवान नहीं होता, लेकिन बार-बार अनुशासन का उल्लंघन सही नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सदन अधिक चले अधिक सवाल आएं और सरकार उन पर चर्चा करे ताकि विधानसभा आदर्श रूप में कार्य करें. देवनानी ने कहा कि सभी 200 विधायकों के लिए यह सदन गर्व की बात होनी चाहिए. व्यक्तिगत आलोचना भले ही निजी तौर पर की जा सकती है, लेकिन सार्वजनिक रूप से किसी का अपमान कर फिर माफी मांग लेना स्वीकार्य नहीं है.

सीएम बोले- सदन में मर्यादा बनाए रखें सभी सदस्य

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सदन में सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे मर्यादा बनाए रखें. उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि अब सदन को सुचारू रूप से चलाना प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि जनता के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके.

स्पीकर वासुदेव देवनानी ने दी चेतावनी

कांग्रेस विधायकों का निलंबन रद्द करते हुए स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि जो टिप्पणियां हुईं, वह क्षमा योग्य नहीं है. लेकिन भविष्य में ऐसा ना हो इसे सुनिश्चित करना होगा. देवनानी ने कहा कि अब यह नियम लागू हो गया है कि अगर कोई भी विधायक सदन के पास भी आएगा तो उसका निलंबन स्वतः ही मान लिया जाएगा. इसके लिए किसी तरह के प्रस्ताव की भी जरूरत नहीं होगी. 

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कांग्रेस के इन 6 विधायकों को किया गया था निलंबित

  1. गोविंद सिंह डोटासरा
  2. रामकेश मीणा 
  3. हाकम अली खान 
  4. जाकिर हुसैन गैसावत 
  5. संजय कुमार
  6. अमीन कागजी 

गहलोत ने भी की थी गतिरोध समाप्त करान की मांग

गतिरोध समाप्त होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'यह समाप्त होना चाहिए, ताकि विधानसभा में बहस हो सके. सत्ता पक्ष और विपक्ष को सहयोग करना चाहिए तथा दोनों पक्षों में से किसी एक में अहंकार नहीं होना चाहिए. यह तनाव अनावश्यक है.'

विपक्ष के तीन नेताओं ने पूरे प्रकरण पर व्यक्त किया खेद

विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि 'सत्ता पक्ष के मंत्री ने टिप्पणी की थी. हम तीन दिन तक विधानसभा के अंदर सोए. गतिरोध समाप्त करने के लिए वार्ता हुई. विपक्ष के तीन नेताओं ने खेद व्यक्त किया. इसके बावजूद सरकार के मंत्री जवाब नहीं दे रहे हैं.' लेकिन बाद में संसदीय कार्य मंत्री से हुई बातचीत के बाद गतिरोध समाप्त हुआ. 

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