जम्मू ने 100 साल बाद देखी इतनी बारिश, उधमपुर में 24 घंटे में हो गई 629.4 मिमी बारिश,देखें तस्वीरें

आईएमडी के अनुसार, उधमपुर में बुधवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों में 629.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. यह 31 जुलाई, 2019 को दर्ज 342.0 मिमी के पिछले रिकॉर्ड से लगभग दोगुनी है.

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  • जम्मू में दशकों में सबसे खराब मॉनसूनी बारिश हुई है, जिससे उधमपुर और जम्मू में पुराने रिकॉर्ड टूट गए हैं.
  • उधमपुर में 24 घंटे में 629.4 मिमी बारिश दर्ज की गई जो पिछले रिकॉर्ड से दोगुनी है और गंभीर बाढ़ का कारण बनी.
  • भारी बारिश के कारण पुल टूटे, मोबाइल टावर और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे कई इलाके कटे हुए हैं.
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नई दिल्‍ली:

जम्‍मू इस समय मुश्किल दौर में है और लगातार हो रही बारिश ने लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी है. पिछले 24 घंटों से यहां पर बारिश जारी है और ही कोई बस यही दुआ कर रहा है कि यह अब रुक जाए. लेकिन लगता है कि मौसम ने ठान लिया है कि उसे अभी शांत नहीं होना है. जम्‍मू में 100 साल में पहली बार इतनी बारिश हो रही है कि हर तरफ बस पानी ही पानी नजर आ रहा है. जम्मू-कश्मीर में दशकों में सबसे खराब मॉनसूनी बारिश रिकॉर्ड की गई है. जहां उधमपुर और जम्मू जिलों में बारिश ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.  

जम्‍मू मे तवी नदी का रौद्र रूप

फुटबॉल मैदान तक डूबा दे 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, उधमपुर में बुधवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों में 629.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. यह 31 जुलाई, 2019 को दर्ज 342.0 मिमी के पिछले रिकॉर्ड से लगभग दोगुनी है. वहीं जम्मू में इसी अवधि में 296.0 मिमी बारिश हुई है. यह शहर में 9 अगस्त, 1973 को दर्ज 272.6 मिमी बारिश के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है. लगातार हो रही बारिश ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में तबाही मचा दी है. विशेषज्ञों के अनुसार 629.4 मिमी बारिश किसी भी फुटबॉल ग्राउंड को दो फुट तक भर सकती है यानी इतना पानी कि वह आपके घुटने तक आ जाए. उधमपुर से आने वाला आंकड़ा वाकई डराने वाला है. 

तवी में इतना पानी शायद ही लोगों ने कभी देखा था

मोबाइल टावर और इलेक्ट्रिक पोल गिरे 

मॉनसून की तबाही के कारण महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा तबाह हो गया है. पुल ढह गए हैं, मोबाइल टावर और बिजली के खंभे गिर गए हैं, और कई इलाके अभी भी कटे हुए हैं. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि निचले इलाकों से 5000 से ज्‍यादा लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट किया कि वह 'अभी भी करीब न के बराबर कम्‍युनिकेशन से जूझ रहे हैं.' सीएम अब्‍दुल्‍ला ने कम्‍युनिकेशन ब्लैकआउट और इंटरनेट सेवाओं के ठप होने की ओर इशारा किया. 

लोगों के घरों के अंदर अब मलबा बचा है

1926 का रिकॉर्ड टूटा 

स्‍काईमेट की रिपोर्ट के जम्मू शहर में मंगलवार को बहुत भारी बारिश दर्ज की गई है. एयरपोर्ट ऑब्‍जर्वेटरी के अनुसार 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की. इसने 5 अगस्त 1926 को बने  228.6 मिमी बारिश का सर्वकालिक रिकॉर्ड तोड़ दिया है. शहर में अगस्त में औसतन 353 मिमी बारिश होती है और 1 से 27 अगस्त 2025 के बीच अब तक 952 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है. पिछले 15 सालों में शहर में अगस्त 2013 में 702.3 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था. अब तक की सबसे भारी मासिक बारिश 1087.5 मिमी अगस्त 1996 में दर्ज की गई थी और अब तक बरकरार है. 

मॉनसून जम्‍मू के लोगों के लिए बुरा सपना बन चुका है

स्‍कूल कॉलेज सब बंद 

बुधवार को भी बचाव अभियान जारी है और प्रशासन और आपदा प्रतिक्रिया दल फंसे हुए निवासियों तक पहुंच रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू और सांबा जिलों के जलमग्न इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कई इलाकों में बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी जरूरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं, जबकि स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दिए गए हैं. बुधवार को बारिश की तीव्रता कम हो गई, हालांकि जम्मू संभाग का ज़्यादातर हिस्सा अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है. 
 

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