यात्रियों के लिए खुशखबरी, अब इन वंदे भारत ट्रेन में होंगे 20 कोच, रेलवे ने किया ऐलान

रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2025-26 (31 जुलाई 2025 तक) की सवारी संख्या और बढ़ने की संभावना को देखते हुए वंदे भारत ट्रेनों में बदलाव किया जा रहा है.

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  • रेलवे मंत्रालय ने यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए वंदे भारत ट्रेनों में कोच बढ़ाने का निर्णय लिया है
  • तीन वंदे भारत ट्रेनों के कोच संख्या 16 से 20 कर दी जाएगी और चार ट्रेनों के आठ कोच सोलह कोच में बदले जाएंगे
  • खाली हुए रैक नई वंदे भारत सेवाओं में इस्तेमाल किए जाएंगे जिससे संचालन क्षमता में वृद्धि होगी
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रेलवे की तरफ से यात्रियों को सौगात मिलने जा रही है. दरअसल रेल मंत्रालय ने कई वंदे भारत ट्रेन में कोच बढ़ाने का फैसला किया है. ट्रेन में बढ़ती ओक्यूपेंसी और यात्रियों की डिमांड के मद्देनजर इस कदम को उठाया जा रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार कुछ वंदे भारत ट्रेनों में 8 कोच की जगह 16 और 16 कोच वाली 20 कोच लगाए जाएंगे. 

रेल मंत्रालय ने दी जानकारी

रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2025-26 (31 जुलाई 2025 तक) की सवारी संख्या और बढ़ने की संभावना को देखते हुए वंदे भारत ट्रेनों में बदलाव किया जा रहा है. वहीं, जो अभी वंदे भारत की ट्रेनें चल रही हैं, उनमें कुछ ये बदलाव होंगे-

  • 3 ट्रेनों की 16 कोच वाली वंदे भारत को 20 कोच में बढ़ाया जाएगा
  • 4 ट्रेनों की 8 कोच वाली वंदे भारत को 16 कोच में बदला जाएगा
  • 20 कोच वाले नए रैक भी तैयार होंगे
  • एक 16 कोच का रैक अतिरिक्त उपलब्ध रहेगा
  • जिन ट्रेनों से रैक खाली होंगे, उन्हें नई वंदे भारत सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा

जिन वंदे भारत ट्रेनों के कोच में बदलाव होंगे, उनमें शामिल हैं-

  • मंगलुरु सेंट्रल – तिरुवनंतपुरम सेंट्रल (20631/32) → 16 से 20 कोच
  • सिकंदराबाद – तिरुपति (20701/02) → 16 से 20 कोच
  • चेन्नई एग्मोर – तिरुनेलवेली (20665/66) → 16 से 20 कोच
  • मदुरै – बेंगलुरु कैंट. (20671/72) → 8 से 16 कोच
  • देवघर – वाराणसी (22499/00) → 8 से 16 कोच
  • हावड़ा – राउरकेला (20871/72) → 8 से 16 कोच
  • इंदौर – नागपुर (20911/12) → 8 से 16 कोच

उम्मीद है कि सरकार के इस कदम के बाद यात्रियों को सहूलियत होगी. वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग बहुत समय से हो रही थी. रेलवे के इस फैसले बाद  दूसरी ट्रेनों पर से भी प्रेशर कम होगा. 

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