अब बिना टिकट यात्रा करना नहीं होगा आसान, रेलवे ने शुरू किया 'नमस्ते' अभियान

पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल डिवीजन ने टिकट जाँच (TC) बल की सार्वजनिक छवि और संचालन क्षमता को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए "नमस्ते अभियान" नामक एक अभिनव और जन-केंद्रित अभियान शुरू किया है.

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  • रेलवे ने बिना टिकट यात्रा रोकने के लिए NAMASTE अभियान शुरू किया है.
  • बोरीवली स्टेशन पर एक दिन में 5200 से अधिक बिना टिकट यात्रियों को पकड़ा गया और उनसे जुर्माना वसूला गया.
  • टीटीई को आधुनिक जैकेट दिए गए, जिनमें बॉडी कैमरा, हैंड हेल्ड टर्मिनल और मिनी स्पीकर जैसी तकनीकी सुविधाएं हैं.
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नई दिल्ली:

अब बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों से रेलवे सख्ती से निपटेगा लेकिन विनम्रता के साथ. इसके लिए रेलवे ने एक अनोखा और संवेदनशील कदम उठाया है, जिसके तहत "NAMASTE" ( NAMrata Aur Strong Ticket Examination) अभियान की शुरुआत की गईं है. इस अभियान के तहत रेलवे नियम तोड़ने वालों पर विनम्रता के साथ अनुशासन और सहानुभूति के साथ कड़ी कार्रवाई करेगा. इस अभियान की शुरुआत 6 अगस्त को कर दी गई जिसके अब तक सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.

बोरीवली स्टेशन पर बड़ी कार्रवाई 

पश्चिम रेलवे के सेंट्रल डिविजन ने 6 अगस्त को बोरीवली स्टेशन पर नमस्ते अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान 300 टीटीई, 30 आरपीएफ और 20 जीआरपी कर्मियों के साथ मिलकर एक दिन में 5200 से अधिक बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों को पकड़ा गया और उनसे ₹13.50 का जुर्माना वसूला गया. 

TTEs को दिए गए हाई-टेक जैकट 

अभियान के तहत टीटीई को तकनीकी सुविधाओं से युक्त विशेष आधुनिक जैकेट दिए गए. इस जैकेट में बॉडी कैमरा रखने की जगह, हैंड हेल्ड टर्मिनल (HHT), एक्सेस फेयर टिकट (EFT) बुक और यात्रियों को सूचना देने के लिए मिनी स्पीकर की व्यवस्था है. इससे टिकट चेकिंग कर्मियों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है. 

"नमस्ते" अभियान क्यों?

पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल डिवीजन ने टिकट जाँच (TC) बल की सार्वजनिक छवि और संचालन क्षमता को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए "नमस्ते अभियान" नामक एक अभिनव और जन-केंद्रित अभियान शुरू किया है.

भारतीय संस्कृति "नमस्ते" से प्रेरित, जो सम्मान, एकता और मौन शक्ति का प्रतीक है, यह अभियान नम्रता (विनम्रता) और सशक्त टिकट जाँच (दृढ़ता और कर्तव्य) के दोहरे मूल्यों को दर्शाता है. जैसा कि अभियान का लोगो है: "मुट्ठी में सिर्फ़ पाँच उंगलियाँ नहीं, बल्कि नमस्ते में दस उंगलियाँ - शक्तिशाली, उद्देश्यपूर्ण और गरिमापूर्ण."

अभियान को लेकर पश्चिम रेलवे से जुड़े के एक अधिकारी ने कहा, "मुंबई लोकल में बड़ी संख्या में प्रतिदिन यात्री यात्रा करते हैं. ऐसे में हाई डेंसिटी वाले स्टेशन पर सभी की टिकट जांच बहुत मुश्किल होता है. इसलिए NAMASTE अभियान की शुरुआत की गईं हैं, ताकि हम लोगों को सम्मान के साथ उनकी जिम्मेदारी के बारे में विनम्रतापूर्वक बता सकें और अपने कर्तव्य का पालन कर सकें."

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350 कर्मचारियों का रहेगा स्क्वाड 

दरअसल, पिछले छह महीने में ऐसे कई मामले सामने आये हैं , जहां टिकट जांच को लेकर टीटीई और यात्रियों में विवाद हुआ, कई में यात्रियों ने रेलवे कर्मचारी के साथ हाथापाई भी की, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ है. ऐसे में टीटीई की सुरक्षा और बिना टिकट यात्रियों की पहचान के लिए यह अभियान शुरु किया गया है. इसमें 350 कर्मियों का स्क्वाड अचानक से स्टेशन पर पहुंचेगा और टिकट जांच करेगा.

रेल मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा, "समय- समय पर यह अभियान मुंबई सब अर्बन के अन्य स्टेशन पर भी लागू किया जाएगा ताकि बिना टिकट यात्रा करने वाले को रोका जा सके. हालांकि ये कार्रवाई विनम्रता और अनुशासन के साथ की जाएगी. " 

यात्री टिकट को बढ़ावा देने की पहल 

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पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी (CPRO) विनीत अभिषेक ने कहा, "इस अभियान का उद्देश्य एक गरिमापूर्ण, कुशल और तकनीक-समर्थित टिकट जाँच संस्कृति स्थापित करना है, जो यात्रियों के साथ बातचीत और अनुशासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए, बिना टिकट यात्रा के प्रति शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करती है."

उन्होंने कहा कि वर्तमान में टीटीई को एक कंधे पर लटकाने वाला बैग रखना पड़ता है जिसमें वे ईएफटी और एचएचटी रखते हैं. इससे भीड़-भाड़ वाली ट्रेनों और व्यस्त समय में एसी लोकल ट्रेनों में चलना मुश्किल हो जाता है. लेकिन आधुनिक जैकेट के इस्तेमाल से टिकट जांच भी सुविधाजनक होगी, साथ ही टीटीई का भी मनोबल बढ़ेगा.

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पुरानी जांच की व्यवस्था लागू रहेगी 

हालांकि, रेलवे ने इस बात को साफ किया है कि नया स्क्वाड बनाने की बावजूद टिकट जांच की पुरानी प्रक्रिया पहले की तरह स्टेशनों पर जारी रहेगी.

कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं

पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए स्टेशन पर सीसीटीवी प्री कस्टडी जोन बनाएं गए हैं. वहीं, कम्युनिकेशन स्किल्स और यात्रियों से प्रोफेशनल तरीके से व्यवहार करने के लिए वर्कशॉप आयोजित की जा रही है ताकि कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा सके. 

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गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में टिकटिंग खरीदने की प्रक्रिया को आसान किया है. उसके बावजूद कई लोग अभी भी बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें नियम मानने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है, जिससे सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा हो सके.
 

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