महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के पैतृक आवास पर प्रवर्तन निदेशालय ने की छापेमारी

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. आज रविवार को ईडी ने अनिल देशमुख के पुश्तैनी मकानों पर छापेमारी की है. ईडी और सीआरपीएफ की टीम ने अनिल देशमुख के नागपुर के वधविहिरा और कटोल इलाकों में स्थित घरों पर छापेमारी की.

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महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के पुश्तैनी मकानों पर छापेमारी.
मुंबई:

प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर पर छापेमारी की है. ईडी द्वारा यह कार्रवाई उनके पुश्तैनी घर में की गई है. 100 करोड़ रुपये की धन उगाही के मामले यह कार्रवाई की गई है. अनिल देशमुख का पुश्तैनी मकान नागपुर जिले के वधविहिरा और कटोल क्षेत्र में स्थित है. इससे पहले ईडी ने धनशोधन मामले में देशमुख की 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. रविवार की सुबह तकरीबन 7 बजे प्रवर्तन निदेशालय के कर्मचारी और सीआरपीएफ की टीम देशमुख के दोनों घरों पर पहुंची. तलाशी अभियान शुरू करने से पहले सीआरपीएफ ने देशमुख के घर की चारों तरफ से घेराबंदी कर दी थी. 

धनशोधन मामले में 4 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देखमुख और अन्य के खिलाफ धनशोधन के एक मामले के संबंध में चार करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्की के प्रारंभिक आदेश जारी किये गए हैं. ईडी द्वारा पूछताछ के लिये भेजे गए कम के कम तीन समन के बावजूद देशमुख (72) जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं.

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देशमुख ने संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

केंद्रीय एजेंसी ने उनके बेटे ऋषिकेश और पत्नी को भी समन किया था लेकिन उन्होंने भी बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया. ये समन महाराष्ट्र पुलिस से संबंधित 100 करोड़ रुपये के कथित घूस-सह-वसूली मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत दर्ज मामले के सिलसिले में जारी किए गए थे. इसी मामले के चलते देशमुख को इस साल अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है तथा उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई को उनके वकील ने अनुचित करार दिया था. पूर्व मंत्री ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर ईडी द्वारा किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ संरक्षण की मांग की है.

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(भाषा इनपुट के साथ)

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