कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तेलंगाना में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट रहने का शनिवार को स्पष्ट संदेश दिया और कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी का टिकट सिर्फ उन्हीं को दिया जाएगा, जो क्षेत्र में काम करते हैं.उन्होंने कहा कि जनता से राय लेने के बाद ही टिकट बंटवारे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा, ''हम हर किसी की बात सुनना चाहते हैं, लेकिन मीडिया के माध्यम से नहीं. हम आपकी शिकायतों को पार्टी के अंदर बने तंत्र के तहत सुनेंगे और अगर कोई बिना सोचे-समझे बोलता है और पार्टी को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे माफ नहीं किया जाएगा.'' उन्होंने शुक्रवार शाम को किसानों की एक सफल बैठक के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सराहना की और कहा कि उन सभी के सामूहिक प्रयास और ऊर्जा के कारण ही यह सफलता मिली है.
गांधी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को हराने के लिए युवाओं से कांग्रेस में शामिल होने की अपील की. उन्होंने आरोप लगाया कि राव ने राज्य के लोगों के सपने नष्ट कर दिये. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सोनिया गांधी ने तेलंगाना के लोगों की बेहतरी का सपना देखा था और इसे (तेलंगाना को) राज्य का दर्जा दिया था, यद्यपि पार्टी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था.
गांधी ने कहा, ''लेकिन हम सच्चाई के लिए आपकी लड़ाई में साथ खड़े थे. मैं तेलंगाना के आपके सपने को पूरा करना चाहता हूं और राज्य के लोगों के साथ काम करना चाहता हूं.'' गांधी ने कहा, ''हैदराबाद में बैठने या दिल्ली आने की गलती न करें. कड़ी मेहनत करें और लोगों तक पहुंचें. ये जनता ही है, जो आपको टिकट दिलाएगी.''
उन्होंने जोर देकर कहा कि एकता सर्वोपरि है और पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट (हासिल करने) को हल्के में नहीं लेना चाहिए. तेलंगाना में टीआरएस सत्ता में है, जहां 2024 में चुनाव प्रस्तावित हैं. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने गांधी का स्वागत किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के संदेश और किसानों को कर्ज माफी सहित विभिन्न वादों पर वारंगल घोषणा पत्र से संबंधित संदेश प्रसारित करने को कहा.
गांधी ने इससे पहले स्थानीय जेल में बंद एनएसयूआई नेताओं से मुलाकात की. उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत के लिए गांधी को अनुमति नहीं देने के विरोध में किये गये प्रदर्शनों के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया था.गांधी ने अविभाजित आंध्र प्रदेश के पहले दलित मुख्यमंत्री दामोदरन संजीवैया को श्रद्धांजलि भी दी.
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