कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात की सूरत जिला अदालत ने 4 साल पुराने कथित 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में 2 साल कैद की सजा सुनाई. यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत मिल गई. इस दौरान राहुल गांधी सूरत कोर्ट में मौजूद रहे. गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (जीपीसीसी) अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, पार्टी विधायक दल के नेता अमित चावड़ा, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा और विधायक सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी राहुल गांधी के साथ सूरत में मौजूद रहे.
क्यों सभी चोरों का समान उपनाम...?
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, "क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?" राहुल के इस विवादित बयान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर की थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने उक्त टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी. तब राहुल गांधी के इस बयान को भाजपा ने चुनावों में एक मुद्दा बना दिया था.
राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद रहे
राहुल गांधी के वकील कीरिट पानवाला ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी. गुजरात कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा था, "राहुल गांधी (बृहस्पतिवार को) अपने खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में फैसला सुनाये जाने के दौरान अदालत में मौजूद रहेंगे. उन्होंने (राहुल ने) स्पष्ट कर दिया है कि अदालत का जो भी फैसला होगा, वह उसका सम्मान करेंगे. हम अपने नेता का स्वागत करेंगे और अपना समर्थन प्रकट करेंगे. कांग्रेस ऐसे मामलों से नहीं झुकेगी."
ये है पूरा मामला
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली को संबोधित किया था. इस रैली में राहुल ने सवाल उठाया था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम एक ही क्यों है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. इधर, कुछ लोगों ने यह कहकर भी राहुल गांधी के इस बयान पर आपत्ति जताई थी कि इससे एक पूरे समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. इस मामले में राहुल गांधी 2021 में कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने अपना बयान भी दर्ज कराया था. अब राहुल गांधी को इस मामले में दो साल की सजा सुनाई गई है.