कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा' रविवार को मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर पहुंची. इस दौरान समाज के अलग-अलग तबके के लोगों के साथ-साथ एक दिव्यांग व्यक्ति भी यात्रा में शामिल हुआ और राहुल कुछ देर के लिए उसकी व्हीलचेयर धकेलते नजर आए. यात्रा में हिस्सा लेने के बाद दिव्यांग मनोहर ने बताया कि उन्होंने राहुल से कहा कि अब देश बदलना चाहिए.
‘भारत जोड़ो यात्रा' रविवार को मध्य प्रदेश में पांचवें दिन में प्रवेश कर गई. इसमें शामिल लोगों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में रात्रि विश्राम के बाद राहुल की अगुवाई में पैदल चलना प्रारंभ किया. यात्रा राऊ के उपनगरीय क्षेत्र से गुजरते हुए इंदौर पहुंची. राऊ में यात्रा के स्वागत के लिए लाल कालीन बिछाई गई थी.
इस बीच, पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि इंदौर में यात्रा की सुरक्षा के लिए 1,400 कर्मियों को तैनात किया गया है और जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि तंग गलियों और घनी आबादी वाले राजबाड़ा क्षेत्र में 12 जर्जर मकानों को अस्थायी तौर पर खाली करा लिया गया है, ताकि इनके कारण यात्रा के दौरान किसी हादसे की आशंका को समाप्त किया जा सके.
गौरतलब है कि जूनी इंदौर क्षेत्र में मिठाई-नमकीन की एक दुकान को 17 नवंबर को डाक से मिले पत्र में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया गया था और ‘भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान इंदौर के अलग-अलग स्थानों पर भीषण बम धमाकों के साथ राहुल गांधी व कमलनाथ को जान से मारने की धमकी दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.
अधिकारियों के मुताबिक, राहुल और यात्रा में शामिल अन्य लोग शहर के चिमनबाग मैदान में रात्रि विश्राम करेंगे. कांग्रेस की शुरुआती योजना के अनुसार, राहुल और इस यात्रा में शामिल लोगों को इंदौर के खालसा स्टेडियम में ठहराया जाना था, लेकिन आठ नवंबर को गुरु नानक जयंती के धार्मिक कार्यक्रम के दौरान सामने आए विवाद से यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी. स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में कमलनाथ के सम्मान के बाद मशहूर कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की तरफ स्पष्ट इशारा किया था और मंच से आयोजकों के खिलाफ तीखे शब्दों में नाराजगी जताई थी.
विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेताओं ने घोषणा की थी कि अगर राहुल की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा' के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस स्टेडियम में कदम रखा तो भाजपा कार्यकर्ता काले झंडे दिखाकर उनका विरोध करेंगे. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की कथित भूमिका को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा अक्सर आरोप लगाए जाते हैं. हालांकि, कमलनाथ और कांग्रेस के अन्य शीर्ष नेता ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते आए हैं.