कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) ने आज युद्धग्रस्त यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं का एक वीडियो ट्वीट किया है और केंद्र सरकार से उन्हें तत्काल वहां से निकालने का आग्रह किया है.
कथित तौर पर एक बंकर के अंदर छिपे भारतीयों द्वारा मंद रोशनी में शूट किए गए वीडियो में, कर्नाटक के बैंगलोर के दो विद्यार्थी यूक्रेन में भारतीय दूतावास से खुद को बचाने की अपील कर रहे हैं. उनका दावा है कि भारतीय अधिकारियों की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है.
वीडियो में बेंगलुरू की मेघना के रूप में अपनी पहचान बताने वाली एक छात्रा ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में भारतीय 24 घंटे से अधिक समय से बिना भोजन, पानी या उचित वेंटिलेशन के बंकर में फंसे हुए हैं.
वह कहती हैं, "हमारे लिए कोई विशेष उड़ान की व्यवस्था नहीं की गई है. हम इस बंकर में रह रहे हैं... यह वास्तव में हमारे लिए बहुत कठिन है. हम आपसे जल्द से जल्द मदद भेजने का अनुरोध करते हैं."
गांधी द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो फुटेज में कई अन्य भारतीय छात्रों को भी अंधेरे बंकर में घूमते हुए दिखाया गया है.
वीडियो के अंत में एक बच्चा दिख रहा है जो खुद को मेघना के भाई के रूप में बता रहा है. उसने अपनी बहन को वापस लाने के लिए मदद की गुहार लगाई है. वह कह रहा है, "मेरी बहन यूक्रेन में फंस गई है. क्या आप कृपया उसकी मदद कर सकते हैं? मुझे मेरी बहन वापस चाहिए."
इस बीच, भारत ने सुरक्षित मार्गों की पहचान की है जिसका उपयोग वह यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए करने की योजना बना रहा है.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से उसके अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना सीमा चौकियों पर नहीं जाने को कहा है. यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक और एडवायज़री जारी करते हुए कहा है कि जैसा कि रूस पूर्व सोवियत गणराज्य पर चौतरफा आक्रमण कर रहा है, और इस हमले में हजारों भारतीय फंसे हुए हैं और बेताब तरीके से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं, इसलिए सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ़ न निकलें.
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए Air India का विमान बुखारेस्ट रवाना
एडवायजरी में कहा गया है कि यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में खाने पीने की चीज़ों के साथ जहां है वहां बने रहना ही बेहतर है बजाय इसके कि बिना समन्वय के सीमा पर पहुंच कर कठिनाई उठाएं. एडवायजरी में कहा गया है कि पूर्वी शहर (जैसे खारकीव) में जो भारतीय ख़ास तौर पर जो छात्र हैं, वे अगले निर्देश तक घरों के अंदर ही रहें या जहां पनाह लिए हैं, वहीं रहें.