''डर है, कहीं PM इस पुल का भी उद्घाटन करने...'' : चीन के अवैध पुल निर्माण पर राहुल गांधी का तंज

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले भी मामले में पीएम की चुप्‍पी पर सवाल उठाया था.

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पैंगोंग त्सो झील पर चीन के ब्रिज निर्माण को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट किया है
नई दिल्‍ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चीन की ओर से वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC)के नजदीक लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील पर पुल (ब्रिज) बनाने की रिपोर्टों को लेकर लगातार दूसरी बार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)पर निशाना साधा है. कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले भी मामले में पीएम की चुप्‍पी पर सवाल उठाया था. इस बार राहुल ने झील पर कथित चीनी पुल को दिखाते हुए ARROW का निशान लगाते हुए एक फोटो को टैग किया है. यह स्‍थान एलएसी के बीच नजदीक है. 51 वर्षीय राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हमारे देश में चीन एक कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा है. प्रधानमंत्री की चुप्पी से PLA (पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी) के हौसले बढ़ते जा रहे हैं.अब तो ये डर है कहीं PM इस पुल का भी उद्घाटन करने न पहुंच जाएं.'

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गौरतलब है कि चीन पैंगोंग झील पर एक पुल बना रहा है, जिसकी लंबाई अब 400 मीटर से ज्यादा हो गई है. पुल का निर्माण पूरा होने पर चीन को उस क्षेत्र में अहम सैन्य बढ़त हासिल हो जाएगी, जो पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण बिंदु रहा है.यह पुल (Bridge) 8 मीटर चौड़ा है. यह पुल पैंगोंग के उत्तरी तट पर चीनी सेना के फील्ड बेस के ठीक दक्षिण में स्थित है, जहां साल 2020 में भारत और चीन के बीच गतिरोध के दौरान चीनी सेना के अस्पताल और सैनिकों की रहने की व्यवस्था की गई थी.16 जनवरी की सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिलता है कि निर्माण में जुटे चीनी श्रमिक पुल के खंभों को एक भारी क्रेन की मदद से कंक्रीट स्लैब से जोड़ने का काम रहे हैं, जिस पर डामर (tarmac) बिछाया जाएगा. निर्माण की तेजी को देखते हुए कहा जा सकता है कि पुल कुछ महीनों में पूरा हो सकता है. हालांकि, इस क्षेत्र में चीन के मुख्य सैन्य हब रुतोग तक सड़क से पहुंच सुनिश्चित करने में अभी लंबा समय लगेगा.

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पैंगोंग के उस पार पुल निर्माण की खबर इस महीने की शुरुआत में सबसे पहले द प्रिंट ने रिपोर्ट की थी. पहली बार हाई रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेज में दिखाया गया है कि पैंगोंग झील पर चीन का नया पुल उस क्षेत्र में चीनी सेना को बेहतर लॉजिस्टिक्स उपलब्ध कराएगा और चीन को झील के किसी भी किनारे से सैनिकों को जल्द जुटाने की क्षमता देगा.नॉर्थ बैंक के सैनिकों को अब रुतोग में अपने बेस तक पहुंचने के लिए पैंगोंग झील के आसपास लगभग 200 किलोमीटर ड्राइव करने की आवश्यकता नहीं होगी. ये सफर अब करीब 150 किमी कम हो जाएगा.

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