सरकार के खिलाफ 'फ्रंट फुट' पर बैटिंग कर रहे राहुल गांधी, ट्वीट कर कहा-मेरे दो सवाल वे खा गए, क्‍या मजाक है!

चीन के साथ सीमा विवाद हो, कोरोना के खिलाफ जंग में कथित विफलता या फिर किसान आंदोलन से जुड़ा मामला, राहुल लगातार सरकार के खिलाफ 'फ्रंट फुट' पर आकर खेल रहे हैं.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किए हैं
नई दिल्‍ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)के नेतृत्‍व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपना रखा है. चीन के साथ सीमा विवाद हो, कोरोना के खिलाफ जंग में कथित विफलता या फिर किसान आंदोलन से जुड़ा मामला, राहुल लगातार सरकार के खिलाफ 'फ्रंट फुट' पर आकर खेल रहे हैं. संसद के शीतकालीन सत्र के अंतर्गत मंगलवार को उन्‍होंने सरकार से मांग की थी कि आंदोलन (Kisan Aandolan) के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा और परिवार के सदस्यों को नौकरी मिली चाहिए. कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल ने कहा था कि सरकार कह रही है कि कोई किसान शहीद नहीं हुआ और आपके पास नाम नहीं हैं. उन्होंने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के नाम लोकसभा में दिखाते हुए कहा कि किसानों का जो हक है, वह उन्हें मिलना चाहिए.

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किसानों के मामले में उन्‍होंने एक ट्वीट भी किया जिसमें इस मामले में सरकार की 'कथित बेरुखी' पर सवाल उठाए. राहुल ने इस ट्वीट में लिखा, 'कृषि-अन्याय पर मैंने संसद में सवाल किए-1. क्या शहीद किसानों को मुआवज़ा मिलेगा? 2. क्या सरकार MSP पर विचार कर रही है?3. कोविड से किसानी पर क्या असर पड़ा? पहले दो सवाल वे खा गए और तीसरे का ये जवाब दिया है- ‘महामारी में किसानी सुचारु रूप से चलती रही!' क्या मज़ाक़ है!. ' अपने इस सवाल के साथ उन्‍होंने हैशटैग Farmers का इस्‍तेमाल किया है और सरकार की ओर से मिले जवाब का लेकर भी पोस्‍ट किया है.

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गौरतलब है कि राहुल ने आंदोलन के दौरान मारे गए पंजाब के 400 और हरियाणा के 70 किसानों की लिस्ट लोकसभा को सौंपते हुए कहा था, 'मैं चाहता हूं कि प्रभावित किसान परिवारों को मुआवजा और रोजगार मिलना चाहिए.' इससे पहले राहुल यह भी कह चुके हैं कि सरकार गरीबों और किसानों की बात करती है, लेकिन जब मदद की बात आती है तो कहती है कि पैसा नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने माफी मांगी, क्यों मांगी. इसलिए कि कृषि कानून गलत थे और उनकी वजह से किसान सड़क पर आए. अगर कृषि कानूनों के कारण आंदोलन की वजह से किसान मारे गए तो उन्होंने उन पीड़ित परिवारों के बारे में भी सोचना चाहिए. पीएम मोदी को उन मृत किसानों के परिवारों के बारे में सोचना चाहिए. उनकी पढ़ाई लिखाई और भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. जैसे कि पंजाब ने किया. अगर वो थोड़ी सी संवेदनशीलता और मानवता दिखाएं तो इसमें जरा सी भी देर नहीं लगेगी.

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राहुल गांधी ने लोकसभा में दिखाए शहीद किसानों के नाम, मुआवजा और नौकरी देने की उठाई मांग

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