इमरजेंसी एक भूल थी, ये मेरी दादी ने भी माना था : राहुल गांधी

आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी. बिलकुल, वह एक गलती थी. और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था.”

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राहुल गांधी ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी पर दिया बयान
नई दिल्ली:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) द्वारा लगाया गया आपातकाल एक “गलती” थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ, वह “गलत” था. हालांकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया और आज जो हो रहा है, वो उससे भी बुरा है. अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय (Cornell University) में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु  के साथ ऑनलाइन चर्चा में राहुल गांधी ने यह बात कही.

राहुल गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई है. आपातकाल (Emergency)  पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी. बिलकुल, वह एक गलती थी. और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था.”

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आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी. इस बाबत देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था. इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह “गलत” था और उसमें और आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है. 

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राहुल गांधी ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान जब संवैधानिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया था और मीडिया पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे और बहुत सारे विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था, वह बुनियादी तौर पर आज की परिस्थितियों से अलग था. लेकिन कांग्रेस ने कभी भारत के संस्थागत ढांचे पर नियंत्रण का प्रयास नहीं किया और स्पष्ट तौर पर कहें तो कांग्रेस के पास ऐसी क्षमता ही नहीं है. कांग्रेस की यह शैली ही नहीं है कि वह उसे ऐसा करने की इजाजत दे.

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राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ ऐसा कर रहा है, जो अपने मौलिक रूप में भिन्न है. उन्होंने कहा कि RSS देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है. उन्होंने कहा, “अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें, तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे.” राहुल ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि नाथ ने उन्हें बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते थे क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उन्हें जैसा कहा जाता था, वैसा वह नहीं करते थे. उन्होंने कहा, “इसलिए, यह जो कुछ भी हो रहा है, बिलकुल अलग हो रहा है.”

राहुल ने आश्चर्य जताया कि यह सवाल क्यों नहीं उठता कि भाजपा, बसपा और सपा में आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है. राहुल ने कहा, 'ये मैं हूं, जिसने पार्टी में युवा और छात्र संगठनों में चुनाव करवाया, इसके लिए मेरी बहुत आलोचना भी हुई. मुझे सूली पर भी चढ़ाया गया, पर आंतरिक लोकतंत्र की बात BJP और BSP जैसी पार्टियों के बारे में कोई नहीं पूछता. ये हमसे ही पूछा जाता है क्योंकि कांग्रेस लोकतंत्रवादी है.'

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