मुझे बोलने नहीं दिया जाता... राहुल के बयान पर सियासी संग्राम, स्पीकर बिरला से मिले विपक्षी सांसद

राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि मुझे सदन में बोलने का मौका नहीं दिया जाता. उनके इस बयान पर सियासी संग्राम छिड़ा है. इस मामले में गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की.

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लोकसभा में राहुल गांधी.

‘मैं जब भी सदन में खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता' लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के इस बयान पर सियासी संग्राम जारी है. भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन किया है. दूसरी ओर गुरुवार को इस मसले पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार को सदन में बिरला द्वारा राहुल गांधी के संदर्भ में की गई टिप्पणी की पृष्ठभूमि में उनसे मुलाकात की और उन्हें एक पत्र भी सौंपा.

ओम बिरला से मिले विपक्षी गठबंधन के सांसद

दरअसल विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ‘‘बोलने का मौका नहीं मिलने'' को लेकर अपनी ‘‘सामूहिक चिंता'' से उन्हें अवगत कराया.

राहुल गांधी ने कहा था- मुझे बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा

लोकसभा अध्यक्ष ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा था कि वह नियमों और सदन की मर्यादा के अनुरूप आचरण करें. इसके बाद राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है और उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा.

ओम बिरला ने शून्यकाल के बाद कहा था, ‘‘कई पिता-पुत्री, माता-बेटी और पति-पत्नी इस सदन के सदस्य रहे हैं और इसी परिप्रेक्ष्य में नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करेंगे.''

गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘आज ‘इंडिया' गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल शून्यकाल के समय लोकसभा अध्यक्ष से मिला. उस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद और कई अन्य दल के नेता शामिल थे. हमने एक पत्र भी सौंपा है.''

स्पीकर से मुलाकात के बाद क्या बोले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई 

गौरव गोगोई ने कहा कि हमने स्पीकर को एक चिट्ठी सौंपी है. उसमें कई बातें हमने कही है और कई घटनाओं का जिक्र किया है. हमने कहा है कि स्पीकर के कल के बयान का सदन के बाहर राजनीतिक इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने सामूहिक चिंता और दुख उनके समक्ष रखा कि किस प्रकार से सत्तापक्ष की ओर से सदन की परंपरा और नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है.

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लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता ने कहा, ‘‘हमने यह मुद्दा उठाया कि कल अध्यक्ष ने सदन में एक बयान पढ़ा. वह किस विषय और किस पल का उल्लेख कर रहे थे, वह स्पष्ट नहीं था. लेकिन बाहर हमने देखा कि उनके वाक्य का राजनीतिकरण हुआ और दुष्प्रचार किया गया. हमने इस बारे में उन्हें बताया.''

स्पीकर ओम बिरला को दी गई चिट्ठी में 8 सूत्री शिकायतें की गई हैं.

  • इनमें राहुल गांधी को बोलने का मौक़ा नहीं देने की बात कही गई है
  • ये भी लिखा गया है कि विपक्षी सांसदों का माइक बंद कर दिया जाता है
  • इसके अलावा उपाध्यक्ष की नियुक्ति और अल्पकालिक चर्चा नहीं करवाए जाने को भी शिकायतों में शामिल किया गया है.

इस शिकयातों के जरिए कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के साथ पुरानी रही सही कसर भी उतार दी...जिसमें विपक्ष ने ये भी आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जाता. उधर बीजेपी एक बार फिर कह रही है कि राहुल गांधी को बोलने से कोई नहीं रोकता है और वो ख़ुद संसद की कार्यवाही को लेकर गंभीर नहीं रहते हैं.

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