कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के एक गांव में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान मां-बेटी की कथित तौर पर आत्मदाह करने के मामले को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि ये ‘बुलडोज़र नीति' भाजपा सरकार की क्रूरता का चेहरा बन गई है जिसे भारत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जब सत्ता का घमंड लोगों के जीने का अधिकार छीन ले, उसे तानाशाही कहते हैं. कानपुर की घटना से मन विचलित है. ये ‘बुलडोज़र नीति' इस सरकार की क्रूरता का चेहरा बन गई है. भारत को ये स्वीकार नहीं.''
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के बुलडोजर पर लगा अमानवीयता का चश्मा इंसानियत के लिए खतरा बन चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भाजपा सरकार के बुलडोजर पर लगा अमानवीयता का चश्मा इंसानियत व संवेदनशीलता के लिए खतरा बन चुका है. कानपुर की हृदयविदारक घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. हम सबको इस अमानवीयता के खिलाफ आवाज उठानी होगी. कानपुर के पीड़ित परिवार को न्याय मिले एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.''
गौरतलब है कि सोमवार शाम कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान सोमवार को एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी . एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया था कि पीड़ितों की पहचान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) के रूप में हुई है, जिन्होंने 'ग्राम समाज' भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व टीम के सामने यह घातक कदम उठाया.
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