उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और उसके बाद भड़की हिंसा मामले में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस (Congress) का एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से राष्ट्रपति भवन जाकर मुलाकात की है. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में तथ्यों से जुड़ा एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा है और मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए दखल देने की अपील की है.
राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति जी से कहा कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री हैं, को पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों से भी जांच कराने की मांग की गई है. प्रियंका गांधी ने बताया कि मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने आज ही सरकार से मामले पर चर्चा करने का भरोसा दिलाया है.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हमने राष्ट्रपति को लखीमपुर खीरी कांड के संबंध में सारी जानकारी दी. हमारी 2 मांगें हैं- मौजूदा जजों से स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त कर देना चाहिए. मामले में न्याय तभी संभव होगा."
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बावजूद मामले में केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ उचित कार्यवाही नहीं हो सकी है. इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा एके एंटनी, मलिल्कार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, प्रियंका गांधी वाड्रा, के सी वेणुगोपाल और अधीर रंजन चौधरी शामिल थे.
बता दें कि पिछले रविवार (03 अक्टूबर) को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने प्रदर्शनकारी किसानों पर पीछे से तेज रफ्तार थार महिंद्रा गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी.
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इस घटना के बाद भड़की हिंसा में चार अन्य लोगों समेत कुल आठ लोगों की जान चली गई. किसानों ने इस मामले में FIR दर्ज कराई है, जिसमें मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा के अलावा सात अन्य लोग आरोपी हैं. कई दिनों की लुकाछिपी के बाद आशीष मिश्रा शनिवार (09 अक्टूबर) को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर पेश हुए थे. इसके बाद पुलिस ने जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार कर लिया. इसके अगले ही दिन रविवार (10 अक्टूबर) को उन्हें कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.