लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चीन को लेकर दिए अपने बयान की वजह से एक बार फिर चर्चाओं में हैं. राहुल गांधी ने इस बार ये बयान अपने अमेरिका दौरे के दौरान दिया है. उन्होंने अमेरिका में चीन की तरीफ करते हुए कहा कि वैश्विक उत्पादन में चीन का अपना प्रभुत्व है. यही वजह है कि उसे बेराजगारी जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है. वहीं, भारत और अमेरिका जैसे देश बेरोजगारी जैसी बड़ी समस्या से जुझ रहे हैं.
राहुल गांधी के इस बयान पर अब उनकी आलोचना भी शुरू हो गई है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके इस बयान के लिए उनकी आलोचना की है. बीजेपी ने राहुल गांधी के इस बयान पर कहा कि वह अपने इन बयानों से भारत को कमजोर करने में लगे हैं. और वह चीन के साथ खड़े हैं. वहीं दूसरी तरफ अब राहुल गांधी के बचाव में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सामने आ गए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी ने कभी भारत को बदनाम नहगीं किया है. और न हगी कभी वो ऐसा करेंगे. यह हमारा वादा है.
आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी चीन की वजह से विवादों में घिरे हैं. इससे पहले कई बार वो ऐसा कर चुके हैं. चलिए आज जानते हैं कि आखिर पहले कब-कब राहुल गांधी ने ऐसा किया है.
जब भारत-चीन के बीच तनाव के दौरान चीनी राजदूत से मिले थे राहुल गांधी
वो साल था 2017 का जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव चरम पर था. उस दौरान जब भारत की सेना चीनी सैनिकों को जवाब दे रहे थे तो उसी बीच राहुल गांधी जो उस समय कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी थे, के चीनी राजदूत से मिलने को लेकर उनकी बड़ी आलोचना हुई थी. ये मामला इतना गंभीर हो चुका था कि राहुल गांधी को खुद ट्वीट कर इस मुलाकात को लेकर अपनी सफाई देनी पड़ी थी.
उन्होंने उस दौरान किए अपने ट्वीट में लिखा था कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर जानकारी लेना मेरा काम है. मैं चीनी राजदूत से मिला. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, पूर्वोत्तर के कांग्रेसी नेताओं और भूटान के राजदूत से भी मैंने मुलाकात की. अब सरकार चीनी राजदूत के साथ मेरी मुलाकात को लेकर इतनी ही चिंतित है तो उसे इस बात का जवाब भी देना चाहिए कि जब सीमा पर विवाद है तो क्यों 3 मंत्री चीन की यात्रा पर हैं.
कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान जब चीनी मंत्रियों से मिलन पर हुआ बवाल
वर्ष 2019 में जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी कैलाश मानसरवोर की यात्रा पर गए तो उनकी इस यात्रा को लेकर भी बवाल मच गया. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जब चीनी मंत्रियों से मुलाकात की तो उनकी इस मुलाकात की भारत में जमकर आलोचना हुई. बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए बताया कि राहुल गांधी ने सरकार को अपनी मुलाकात के बारे में जानकारी नहीं दी. इस यात्रा को पूरा करने के बाद राहुल गांधी भुवनेश्वर में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे तो उन्होंने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई भी दी थी.
राहुल गांधी ने उस दौरान भी कहा था कि हमे चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी. हमें यह स्वीकार करना होगा कि सबसे बड़ी चुनौती चीन की नौकरियां पैदा करने की क्षमता ही है.गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सितंबर 2018 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा की थी.