कांग्रेस ने गुरुवार को को कहा कि केंद्र सरकार को कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा पता करने के लिए ‘कोविड आयोग' का गठन करना चाहिए और प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता रशि देने के उद्देश्य से एक ‘कोविड मुआवजा कोष' भी बनाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह काम जल्दी करना चाहिए ताकि आगे चलकर उन्हें कृषि कानूनों के मुद्दे की तरह इसको लेकर माफी नहीं मांगनी पड़े. वल्लभ ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को कोविड न्याय कैंपेन शुरू किया है, जिसमें गौरव वल्लभ और अलका लांबा शामिल रहे. असल में NDMA National Disaster Management Authority में ये व्यवस्था है कि डिजास्टर में अगर मौत होती है तो 4 लाख मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि मोदी सरकार ने पहले कोरोना महामारी को डिजास्टर मानने से मना कर दिया था, फिर सरकार ने पैसे न होने का दावा करते हुए कोरोना से मरने वाले लोगों को लिये कोई खास इंतेजाम नही किया. बाद में सुप्रीम कोर्ट के दबाव में कोरोना पीड़ितों को 50 हज़ार देने की बात कही.'
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उन्होंने कहा, 'करोना महामारी के बाद देश मे 97% लोगो की आय कम हुई है, 7% से ज्यादा नागरिक बेरोज़गारी हुए है. अगर राज्यों की बात की जाये तो 10 राज्यों में ये दर 10% से ज्यादा है. बावजूद इसके अपने परिवारों के लोगो को खोने वाले को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. लोगों का कहना है सरकारी आंकड़े से 10 गुना ज्यादा लोगों की मौत हुई है. सरकार से कांग्रेस ने मांग की है कि कोविड कमीशन से जांच हो ताकि सही आंकड़े मौत के सामने आएं.'
वल्लभ ने आरोप लगाया कि करोनाकाल में डेथ सर्टिफिकेट मे भी घपलेबाजी की गई है. कोरोना से मरने वालों का नाम भी हार्ट अटैक से हुई मौत में लिखा गया. काग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा - सरकार के पास मोदी महल के लिए 20 हज़ार करोड़ है, हवाई जहाज के लिए 8,400 करोड़, 6000 करोड़ विज्ञापन के किये, 10,000 करोड़ मित्रो का कर्ज माफ करने के लिये है. लेकिन कोविड से मौत के लिए पैसे नहीं है. पुरे देश में 4 लाख 67 हज़ार लोगो ने कोरोना से अपनी जान गवाई है. उन्होने सरकार से 75% और केंद्र राज्य से 25% मुआवजा की मांग की है.
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा - राहुल जी ने गुजरात की वीडियो पोस्ट की है. उन्होने कहा पीएम कोई भाषा जानते हों या न जानते हों लेकिन गुजराती जानते होंगे. सरकार कहती है 10,000 मौत हुई, सही आंकड़ा है 3 लाख. उन्होंने कहा 4 लाख तो देना होगा ये नारा नहीं है ये दिलवाकर रहेंगे. जनता का पैसा जनता को मिलना चाहिए. सरकार की लापरवाही से मौत हुई है. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकारी आंकड़े के मुताबिक 4 लाख भी मान लें तो 16 हज़ार करोड़ बनता है. 7 लाख करोड़ पूंजीपतियों का माफ किया जा सकता है, 24 लाख करोड़ पेट्रोल डीजल एक्साइज से कमाया जा सकता है तो पिड़ितों को क्यों नही?
अलका लांबा ने कोविड पीड़ितों के लिये सरकार से 16 हज़ार करोड़ की मांग की है. उन्होंने कहा राज्य सरकार 1 लाख देने के लिए तैयार है तो 3 लाख केंद्र सरकार को देना चाहिये. उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली और बंगाल के सीएम से भी निवेदन करूंगी कि कोविड न्याय कैंपेन में हमारा साथ दें.' उन्होंने पुरुषों की मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पुरुषों की मौत ज्यादा हुई है, कमाने वाला व्यक्ति परिवार से गया है. हम चाहते हैं कि 4 लाख का कैंपेन सभी सपोर्ट करें.
अलका लांबा के अनुसार ऐसे समय मे जब बेरोज़गारी बढ़ी है, मंहगाई बढ़ी, नौकरी गयी, ये मुआवजा मरहम की तरह होगा. गुजरात मॉडल पूरे देश को ध्वस्त कर रहा है. बिना देरी के 4 लाख मुआवजा प्रति मौत किया जाए.
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