गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में राजनीतिक छींटाकशी का दौर जारी है. इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में मेधा पाटकर (Medha Patkar) की मौजूदगी को लेकर आपत्ति जाहिर की है. दो दिन पहले भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र के वाशिम पहुंची थी. जहां राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित किया था. इसमें मेधा पाटकर भी शामिल हुई थीं.
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने इसपर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया, 'कांग्रेस और राहुल गांधी ने बार-बार गुजरात और गुजरातियों के प्रति अपनी दुश्मनी दिखाई है. मेधा पाटकर को अपनी भारत जोड़ो यात्रा में केंद्रीय स्थान देकर राहुल गांधी ने दिखाया कि वे उन तत्वों के साथ खड़े हैं, जिन्होंने दशकों तक गुजरातियों को पानी से वंचित रखा. गुजरात इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.'
भूपेंद्र पटेल ने अपने ट्वीट में एक आर्टिकल भी शेयर किया है. जिसमें लिखा है- 'गुजरात की जीवन रेखा सरदार सरोवर परियोजना के खिलाफ अभियान की अगुवाई करने वाली एनजीओ संचालक मेधा पाटकर ने बांध के लिए फंड को रोक दिया और परियोजना की प्रगति भी रोक दी. अब नर्मदा परियोजना की विरोधी मेधा पाटकर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल किया है.'
इससे पहले वाशिम में राहुल गांधी ने कहा, 'सोशल मीडिया के जरिए चुनावों में धांधली की जा सकती है. सोशल मीडिया कंपनियां चाहें तो किसी भी पार्टी को चुनाव जिता सकती है.' उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बिना यह भी कहा कि एक विचारधारा और उसके नेताओं द्वारा समाज में नाराजगी पैदा करने के लिए सांप्रदायिक हिंसा को रणनीतिक हथियार के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है. राहुल गांधी ने यहां ‘भारत जोड़ो' यात्रा के दौरान कार्यकर्ता मेधा पाटकर और जीजी पारिख के नेतृत्व में नागरिक संस्थाओं के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं.
राजनीतिक लोकतंत्र के बारे में मेधा पाटकर ने कहा कि यह ईवीएम के बारे में संदेह तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब यह भी है कि वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) से मिलान बेहद जरूरी है. पाटकर ने सभी दलों के घोषणापत्र की रुपरेखा तैयार किए जाने और निर्माण में नागरिकों की भागीदारी के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि घोषणापत्र को सभी राजनीतिक दलों के लिए बाध्यकारी बनाने के संबंध में कानूनी सुधार किए जाने चाहिए.
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