पाकिस्तान से तनातनी के बीच राफेल-M लड़ाकू विमान के समझौते पर लगी मुहर, भारत-फ्रांस में डील डन

India France Rafale Deal: सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन विमानों को लेकर समझौते पर मुहर लग गई. भारत फ्रांस से 26 राफेल मरीन विमान खरीदेगा.

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Rafale-M Fighter Aircraft Deal: 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में चल रही तनातनी के बीच राफेल मरीन विमानों की डील हो गई है. यह डील भारत और फ्रांस के बीच 63 हजार करोड़ रुपए की लागत से हुई है. इस डील के तहत फ्रांस भारत को 26 राफेल मरीन विमान देगा. बताया गया कि भारत और फ्रांस ने सोमवार को इंडियन नेवी के लिए लगभग 63,000 करोड़ रुपये की लागत से राफेल लड़ाकू विमानों के 26 नौसैनिक संस्करण खरीदने के वास्ते एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए. भारतीय नौसेना की ताकत को और मारक बनाने की दिशा में इस फैसले को काफी अहम बताया जाता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू ने 63 हजार करोड़ रूपये के इस सौदे पर हस्ताक्षर किए.

भारत और फ्रांस के बीच हुई राफेल मरीन विमान डील की बड़ी बातें

  • 26 राफेल मरीन विमानों में से 22 सिंगल सीटर और चार डबल सीटर विमान होंगे.
  • इन्हें भारतीय नौसेना की आवश्यकता के अनुसार डिज़ाइन और तैयार किया जाएगा.
  • इन विमानों की आपूर्ति 2030 तक पूरी हो जाएगी.

इस समझौते के तहत प्रशिक्षण, सिम्युलेटर, संबंधित उपकरण, और हथियार मुहैया कराए जाएंगे. इस समझौते से देश में स्वदेशी हथियारों के एकीकरण और राफेल फ्यूज़लेज के लिए उत्पादन सुविधाओं की स्थापना भी की जाएगी. साथ ही विमान के इंजन, सेंसर और हथियारों के लिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधाओं की स्थापना के लिए तकनीक के हस्तांतरण की सुविधा भी दी जाएगी.

राफेल मरीन विमानों के नौसेना के बेड़े में शामिल होने से नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. इन लड़ाकू विमानों को आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत जैसे विमानवाहक पोतों में तैनात किया जाएगा.राफेल उन्नत हथियार प्रणालियों और मिसाइलों से लैस होगा.

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INS विक्रांत पर तैनात होंगे राफेल मरीन विमान

डिजिटल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में समझौते पर मुहर लगाई गई. भारत विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनाती के लिए फ्रांसीसी रक्षा कंपनी दसॉ एविएशन से ये जेट विमान खरीद रहा है. बताया गया कि हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

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पीएम मोदी अध्यक्षता वाली CCS की मीटिंग से मिली थी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) द्वारा खरीद को मंजूरी दिए जाने के तीन सप्ताह बाद इस बड़े सौदे पर मुहर लगी. डील की शर्तों के अनुसार, अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के लगभग 5 वर्ष बाद जेट विमानों की आपूर्ति शुरू होनी होगी.

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जुलाई 2023 में लंबे विचार के बाद रक्षा मंत्रालय ने बढ़ाए थे कदम

जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने कई दौर के विचार-विमर्श और मूल्यांकन परीक्षणों के बाद इस बड़े अधिग्रहण के लिए प्रारंभिक मंजूरी दे दी थी. इस सौदे के तहत भारतीय नौसेना को राफेल (मरीन) लड़ाकू विमानों के निर्माता दसॉ एविएशन से हथियार प्रणाली और कलपुर्जे सहित संबंधित सहायक उपकरण भी मिलेंगे.

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