राष्ट्रपति संग पायलट बेटी शिवांगी... झूठे पाकिस्तान को राफेल से ज्यादा दर्द देगी यह फोटो

रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में राष्ट्रपति की यह उड़ान भारतीय वायुसेना की आधुनिकता, क्षमता और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा प्रयासों का प्रतीक है.

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  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी और पायलट शिवांगी सिंह के साथ तस्वीरें खिंचवाईं.
  • ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने शिवांगी सिंह को कैद करने और विमान को मार गिराने का झूठा दावा किया था.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के झूठे दावे को खारिज करते हुए अंबाला एयरबेस का दौरा कर स्थिति स्पष्ट की थी.
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला में स्थित वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी.  एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी इसी एयरबेस से एक अलग विमान में उड़ान भरी. राफेल विमान में चढ़ने से पहले राष्ट्रपति ने ‘जी-सूट' पहना था. हाथ में हेलमेट लिए और धूप का चश्मा लगाए मुर्मू ने पायलट के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं. ये पायलट कोई और नहीं शिवांगी सिंह हैं. अगर अब तक आप इस फोटो का महत्व नहीं समझ पाए तो जान लीजिए कि इन्हीं शिवांगी सिंह को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने पकड़कर कैद कर लेने का दावा किया था. राफेल ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहुत दर्द दिया था. यही कारण है कि वो राफेल फाइटर पायलट शिवांगी सिंह को कैद करने और राफेल फाइटर जेट प्लेन को मार गिराने का झूठ आज तक दुनिया को बेच रहा है. यही नहीं उसने तो ये भी झूठ फैलाया था कि अंबाला एयरबेस को भी उसने तबाह कर दिया पर उसका ये भी दावा झूठ निकला था.   

आज पूर्वाह्न 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने विमान के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया.  आज सुबह वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति को औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर' भी दिया गया. सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी और वह ऐसा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति बनी थीं. पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी.

अंबाला एयरबेस का महत्व

फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था. पहले पांच राफेल विमानों को 17वें स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरोज' में शामिल किया गया था. ये विमान 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से यहां पहुंचे थे.  पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए सात मई को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर' में राफेल विमानों का इस्तेमाल किया गया था. इन हमलों के बाद चार दिन तक भीषण सैन्य झड़प हुईं, जो सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद 10 मई को समाप्त हुईं.

अंबाला में IAF पायलट शिवांगी सिंह के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू.

शिवांगी सिंह कौन हैं

शिवांगी सिंह का जन्म वाराणसी में हुआ था. एयरफोर्स के 2023 के आंकड़ों के अनुसार उसके पास महिला पायलटों समेत कुल 1600 अधिकारी हैं. शिवांगी सिंह ने सबसे पहले MiG-21 को उड़ाया था. एयरफोर्स में उनका चयन 2017 में हुआ था.  2020 में राफेल के आने के बाद उन्हें राफेल उड़ाने का मौका मिला. उनका सपना है कि एयरफोर्स की तरफ से कभी उन्हें अंतरिक्ष में जाने का मौका मिले. वह भारतीय वायु सेना (IAF) की झांकी का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट हैं. 2022 में, वो IAF की झांकी का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट बनीं थीं.

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