सरकार ने सोमवार को राफेल डील से संबंधित जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की.
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केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम में दाखिल की सीलबंद रिपोर्ट.
सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कीमत की भी जानकारी दी गई.
पहले केंद्र सरकार राफेल डील की जानकारी देने से मना कर रही थी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के बीच इस बात को लेकर बैठक हुई कि राफेल की कीमत और इसके फायदे सुप्रीम कोर्ट को बताए जाएं या नहीं. बैठक में तय किया गया कि इस डील से संबंधित कोई भी जानकारी सुप्रीम कोर्ट ने न छुपाई जाए. इसके साथ ही तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच को राफेल की कीमत की जानकारी सीलबंद दी जाए और साथ ही इसके फायदे भी बताए जाएं. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी इजाजत दे दी.
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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछे थे ये सवाल
- क्या है राफेल की कीमत और फायदे
- दस दिन में सीलकवर में ब्योरा दें
- ऑफसेट पार्टनर का ब्यौरा भी मांगा
मोदी सरकार ने आखिर किस वजह से खरीदे 36 राफेल विमान
केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मध्यम श्रेणी के बहु भूमिका वाले लड़ाकू विमान(एमएमआरसीए) प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में पूर्व की यूपीए सरकार द्वारा देरी हुई इसी बीच दुश्मनों ने चौथी और पांचवी पीढ़ी के विमानों को बेड़े में शामिल कर लिया. इस वजह से भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े की संख्या में आयी गिरावट को तुरंत दूर करने की जरूरत है. यह उस दस्तावेज में कहा गया है, जिसे केंद्र ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को उचित ठहराने के लिए सार्वजनिक किया है.
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