मुर्गों की लड़ाई के बीच अचानक पहुंची पुलिस, जख्मी मुर्गे को पहुंचाया अस्पताल; अब हो रही खातिरदारी

पुलिस ने फिलहाल मुर्गे को किसी जानकार के पास छोड़ा है. थाने में रखने से मुर्गा अकेला होता, इसलिए किसी मुर्गे पालने वाले को ही इसकी जिम्मेदारी दी गई है.

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नई दिल्ली:

पंजाब के बठिंडा (Bathinda) में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. पुलिस टीम द्वारा एक मुर्गे की जान बचाए जाने की बात चर्चा का विषय बना हुआ है. जानकारी के अनुसार पुलिस के द्वारा न सिर्फ जख्मी हालत में मुर्गे को अस्पताल भेजा गया बल्कि तीन दोषियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार बठिंडा जिले के गांव बलुआना चौकी के इंचार्ज निर्मल सिंह ने बताया कि बठिंडा के बलुआना गांव में कुछ व्यक्तियों की तरफ से मुर्गों की लड़ाई करवाई जा रही थी. इस खेल के दौरान 100 से 200 व्यक्ति वहां मौजूद थे. इस मामले की जानकारी जब पुलिस को मिली तो पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर जख्मी अवस्था में मुर्गे को कब्जे में ले लिया और आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. 

पुलिस ने बरामद किया 11 ट्रॉफी और एक मुर्गा 

;चौकी इंचार्ज ने बताया कि जब हमें इस बात की सूचना मिली की गांव में कुछ लोग मुर्गे की लड़ाई करवा रहे हैं तो हमारी टीम मौके पर पहुंची. हालांकि पुलिस के पहुंचते ही सभी आरोपी फरार हो गए परंतु इस दौरान एक मुर्गा और एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया. जिसके बाद ज़ख्मी मुर्गे का मेडिकल भी करवाया गया. और मेडिकल के दौरान पाया गया कि मुर्गा बुरी तरह से जख्मी हुआ था जिसको सेफ साइड सुरक्षा में रखा गया है. उसकी निगरानी की जा रही है और उसके खाने पीने का खास ध्यान रखा जा रहा है.  इस पूरे मामले में दो अन्य दोषियों को नामजद करके कोट में पेश किया जाएगा निर्मल सिंह ने बताया कि इस दौरान 11 ट्रॉफी और एक मुर्गा भी बरामद हुए हैं.

पुलिस ने फिलहाल मुर्गे को किसी जानकार के पास छोड़ा है. थाने में रखने से मुर्गा अकेला होता, इसलिए किसी मुर्गे पालने वाले को ही इसकी जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि मुर्गे को कोई नुकसान न हो, इसके लिए बीच-बीच में पुलिस वहां जाकर उसका हालचाल जान रही है. 

चौकी इंचार्ज निर्मल सिंह ने क्या कहा? 

इंचार्ज निर्मल सिंह ने कहा कि अक्सर इस मामले में हमारे देश का संविधान किसी भी बेजुबान को लेकर जुल्म करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश देता है.  फिर चाहे वह डॉग फाइट हो या बेजुबान पंछियों की लड़ाई हो. परंतु इस बीच हम यह भी देखते हैं कि मुर्गे को कई लोग खाना पसंद करते हैं परंतु उनके खिलाफ क्या कार्रवाई नहीं होनी चाहिए कि हमारा संविधान इन बेजुबानो  की रक्षा करता है?

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देश के कई राज्यों में होते रहे हैं इस तरह के खेल

 देश के कई हिस्सों में मुर्गों की लड़ाई का खेल होता रहा है. कई राज्यों में इसे लेकर बड़े आयोजन भी होते रहे हैं. हालांकि इससे पहले कभी इस तरह की कार्रवाई प्रशासन की तरफ से नहीं की गयी थी. जिसे लेकर लोगों में पुलिस के द्वारा उठाया गया यह कदम चर्चा का विषय बना हुआ.  

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