फरीदकोट के यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट की हत्या मामले में 3 गिरफ्तार, ये थी कत्ल की वजह?

फरीदकोट के यूथ कांग्रेस के प्रेसिडेंट (Faridkot Youth Congress President Murder) और जिला परिषद के मेंबर गुरलाल सिंह भुल्लर (Gurlal Singh Bhullar) की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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दिल्ली पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:

फरीदकोट (Faridkot) के यूथ कांग्रेस के प्रेसिडेंट (Youth Congress President Murder) और जिला परिषद के मेंबर गुरलाल सिंह भुल्लर (Gurlal Singh Bhullar) की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. 18 फरवरी को गुरलाल सिंह की हत्या तब कर दी गई थी, जब वो फरीदकोट के जुबली चौक पर अपने दोस्त की दुकान से निकलकर अपनी कार में बैठ रहे थे. तभी बाइक पर सवार 2 अज्ञात बदमाशों ने गुरलाल को करीब 18 गोलियां मारीं. इस हत्याकांड के बाद आरोपी अपने सहयोगियों के साथ फरार हो गए.

सनसनीखेज हत्याकांड को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने ट्वीट कर कहा था कि उन्होंने पंजाब के डीजीपी को इस मामले की तेजी से जांच और आरोपियों को जल्दी पकड़ने के लिए कहा है. किसी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम को ये पता चला कि इस हत्याकांड के पीछे लॉरेंस विश्नोई गैंग का हाथ है. लॉरेंस विश्नोई फिलहाल अजमेर जेल में बंद है. पुलिस ने एक सूचना के बाद 22 फरवरी को सराय काले खां से गुरविंदर पाल और सौरभ शर्मा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. तीनों फरीदकोट के रहने वाले हैं. इनके पास से 2 पिस्टल 8 कारतूस बरामद हुए.

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आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि हत्या के पीछे की पूरी साजिश कनाडा में बैठे गोल्डी बरार ने रची है, जो कि मूल रूप से फरीदकोट का ही रहने वाला है. गोल्डी लॉरेंस विश्नोई का ही साथी है, जो कनाडा में बैठकर जबरन वसूली गैंग चलाता है और पंजाब के बड़े-बड़े कारोबारियों को टारगेट करता है. अक्टूबर 2020 में पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन के अध्यक्ष गुरलाल बरार की हत्या कर दी गई थी. चंडीगढ़ में हुए इस हत्याकांड में भाम्बिया गैंग का नाम आया, जबकि गुरलाल बरार को लॉरेंस विश्नोई सपोर्ट कर रहा था. गुरलाल बरार, गोल्डी बरार का चचेरा भाई था. गोल्डी बरार और लॉरेंस ने सबसे पहले रंजीत सिंह की हत्या करवाई. उसके बाद इनके निशाने पर गुरलाल सिंह भलवान था जो कि भाम्बिया गैंग से जुड़ा था.

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प्लान के मुताबिक आरोपियों ने चंडीगढ़ में गुरलाल भलवान की रेकी शुरू की. गुरलाल ने अपने फेसबुक पर लिखा कि वो 9 फरवरी को किसान आंदोलन में सिंघू बॉर्डर पर शामिल होगा. आरोपियों ने सिंघू बॉर्डर पर गुरलाल का पीछा किया लेकिन ज्यादा भीड़ होने के चलते वो अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए. इसके बाद गुरलाल कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जंतर-मंतर आया. आरोपियों ने उसे वहां भी मारना चाहा लेकिन सुरक्षा इंतजाम के चलते सफल नहीं हो सके. इसके बाद शूटर वापस लौट गए. फिर 18 फरवरी को प्लान के हिसाब से फरीदकोट में ही गुरलाल की हत्या कर दी. इस मामले में कुछ आरोपियों की तलाश है.

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