पंजाब के कांग्रेस सांसद जसबीर गिल बोले- केंद्र सरकार ने राज्यों को कलेक्शन सेन्टर बना दिया

सांसद ने कहा, ' खेती और ट्रांसपोर्टेशन पहले ही बहुत बुरे दिनों से गुजर रही है. इनकी गलत नीतियों की वजह से किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों को कुछ और देना तो क्या उन पर और बोझ डाला जा रहा है.'

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पंजाब के खडूर साहिब से कांग्रेस संसाद जसबीर गिल.
नई दिल्ली:

पंजाब के खडूर साहिब से कांग्रेस संसाद जसबीर गिल ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार की आलोचना की है, इसके साथ ही इस बजट में तेल की कीमतों पर लगाए गए एग्रिकल्चर सेस को वापस लेने की मांग की की है. उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'दुनिया के सभी देशों में सबसे महंगा पेट्रोल, डीजल और गैस हमारे देश में है. इसकी वजह इस पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाना है. इस बजट में भी हमारी वित्त मंत्री ने एग्रीकल्चर सेस लगाया है, करीब 2.5 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पर और करीब 4 रुपए प्रति लीटर डीजल पर लगाया है.'

सांसद ने कहा, ' खेती और ट्रांसपोर्टेशन पहले ही बहुत बुरे दिनों से गुजर रही है. इनकी गलत नीतियों की वजह से किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों को कुछ और देना तो क्या उन पर और बोझ डाला जा रहा है. बेसिक एक्साइज ड्यूटी आज 11 फीसदी के करीब पहुंच गई है, और जो एडिशनल एक्साइज ड्यूटी है वो 8 फीसदी के करीब इन्होंने पहुंचा दिया है. हालात ऐसे बन गए हैं कि राज्यों को इन्होंने कलेक्शन सेंटर बना दिया है. इस ड्यूटी में पैसा तो राज्य सरकारें इकट्ठा करेंगी, लेकिन सारा पैसा केंद्र सरकार को आएगा. केंद्र सरकार पहले भी राज्यों को बहुत तंग परेशान कर रही है. उनका जीएसटी नहीं दिया जा रहा है, उनका सेंट्रल टेक्स में जो हिस्सा बनता है, वो नहीं दिया जा रहा है. उसके ऊपर ये नया लगाकर, ये भी अपने हाथ में ले लिया."

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उन्होंने कहा कि ये सब देखकर मालूम पड़ता है कि ये केंद्र सरकार कितनी बड़ी कंगाल हो चुका है. इन्होंने जो डॉ. मनमोहन सिंह ने बढ़िया वाइब्रेंट इकॉनमी दी थी. जब साल 2014 से पहले ये कहा जाने लगा था कि भारत चीन से आगे निकल जाएगा. आज इन्होंने देश को संघर्षरत अर्थव्यवस्था में शामिल कर दिया है. मैं जो नया टैक्स लगाया है, पेट्रोल और डीजल पर उसकी कड़ी निंदा करता हूं और सरकार से मांग करता हूं कि इसे वापस लिया जाए.

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बता दें, बजट से पेट्रोल-डीजल की कीमतों कमी जैसी कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन तेल उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की, लेकिन साथ ही उपकर लगा दिया. आम बजट 2021-22 में वित्त मंत्री ने कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगाया, और उतनी ही उत्पाद शुल्क में कटौती कर दी, जिसका खामियाजा राज्यों को उठाना पड़ेगा.  गौरतलब है कि केंद्र सरकार को उपकर राज्यों के साथ साझा नहीं करना पड़ेगा, जबकि उत्पाद शुल्क को साझा करना पड़ता है. 

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