पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' की वर्षगांठ से पहले रविवार को यहां स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ बंद कमरे में बैठक की. मंदिर के दर्शन करने के बाद मान सीधे जत्थेदार के आवास पर गए. मान के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे. हालांकि, मुख्यमंत्री ने जत्थेदार के आवास से बाहर आने के बाद मीडिया को मुलाकात के दौरान हुई बातचीत के बारे में कुछ नहीं बताया.
इस बीच, शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि 6 जून को बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं के अकाल तख्त पर पहुंचने की उम्मीद है. सेना ने जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' चलाया था.
मान ने शनिवार को 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' की बरसी से पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की थी और कहा था कि राज्य में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा था कि किसी को भी किसी भी कीमत पर राज्य की शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. पिछले महीने जत्थेदार ने सिखों को लाइसेंसी हथियार रखने की सलाह दी थी, जिसकी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आलोचना की थी. पंजाब सरकार ने हाल ही में जत्थेदार की सुरक्षा में कटौती कर दी थी.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बाद में दावा किया था कि पंजाब सरकार ने अकाल तख्त जत्थेदार की सुरक्षा बहाल कर दी है, हालांकि जत्थेदार ने इसे वापस लेने से इनकार कर दिया था.
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