पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन इन महारथियों को हराने वाले आम आदमी पार्टी के कई विधायकों को मुख्यमंत्री भगवंत मान की कैबिनेट (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) में जगह नहीं मिल पाई. इनमें भदौर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को हराने वाले लाभ सिंह उगोके भी शामिल हैं. अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल को उनकी पारंपरिक लांबी सीट पर हराने वाले गुरमीत सिंह खुददियां भी मंत्रिमंडल में जगह पाने में असफल रहे. लाभ सिंह आप में शामिल होने से पहले मोबाइल फोन की दुकान चलाते थे जबकि खुददियां पिछले साल कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए थे.
अमृतसर पूर्व सीट से कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को हराने वाली सामाजिक कार्यकर्ता जीवनज्योत कौर (50) को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी. आप उम्मीदवार अजीत पाल सिंह कोहली ने पटियाला शहरी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हराया, जबकि जगदीप कंबोज ने जलालाबाद में अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को हराया. ये दोनों नेता भी भगवंत मान के मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना सके. अमन अरोड़ा, बलजिंदर कौर और सर्वजीत कौर मनुके सहित दो बार के विधायकों में से किसी को भी मंत्री पद नहीं मिला.
पंजाब में शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में एक महिला समेत आम आदमी पार्टी के दस विधायकों को शामिल किया गया है. इन 10 मंत्रियों में से आठ पहली बार विधायक बने हैं. इन सभी ने पंजाबी भाषा में शपथ ली. हरपाल सिंह चीमा और गुरमीत सिंह मीत हेयर को छोड़कर आठ अन्य पहली बार विधायक बने हैं. दीर्बा से विधायक चीमा ने सबसे पहले शपथ ली, उनके बाद कैबिनेट में एकमात्र महिला और मलोट से विधायक डॉ बलजीत कौर ने शपथ ली. कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 18 पद हैं. आप ने 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में कांग्रेस, अकाली दल-बीएसपी गठबंधन और बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस-अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन को पछाड़ते हुए 92 सीटें हासिल की हैं.