पंजाब में भाजपा (BJP) के एक विधायक की शनिवार को मुक्तसर जिले के मलोट में किसानों के एक समूह द्वारा कथित रूप से पिटाई की गई और उनकी शर्ट फाड़ दी गई. यह जानकारी पुलिस ने दी. अबोहर के विधायक अरुण नारंग संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मलोट गए थे, जिसका किसानों ने कड़ा विरोध किया. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बीजेपी विधायक पर हमले की निंदा की है और राज्य की शांति व्यवस्था को खराब करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, पुलिस उपाधीक्षक (मलोट) जसपाल सिंह ने फोन पर बताया कि वहां तैनात पुलिस अधिकारी नारंग को निकालकर सुरक्षित जगह ले गए. वहीं, बीजेपी विधायक नारंग ने बताया कि उन्हें कुछ लोगों ने घूंसा मारा और उन लोगों ने उन पर काले रंग का तरल पदार्थ भी फेंका.
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में कहा, "मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अबोहर से बीजेपी विधायक पर हमले की निंदा की है और राज्य की शांति व्यवस्था को खराब करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. सीएम अमरिंदर ने साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों का मुद्दा शीघ्र हल करने की भी गुजारिश की है ताकि स्थिति को और खराब होने से रोका जा सके."
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बीजेपी विधायक ने कहा कि वह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने मलोट जा रहे थे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी. वे लोग हिंसक हो गए और मुझे घेरा लिया. यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस मामले शिकायत दर्ज कराएंगे नारंग ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व से चर्चा करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल ने कहा, "आज, किसान अबोहर के बीजेपी विधायक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. विषम परिस्थितियों में यह प्रदर्शन हिंसक हो उठा और विधायक पर हमला किया गया."
उन्होंने एक बयान में कहा, "यह खेद की बात है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ इस तरह से व्यवहार किया गया. हम इस तरह के व्यवहार को प्रोत्साहित नहीं करते हैं. हम इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं." पाल ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा सभी प्रदर्शनकारियों ने शांति और अनुशासन बनाए रखने की अपील करता है.
पंजाब में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस समेत बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल ने भी इस घटना की निंदा की है. पंजाब कांग्रेस के मुखिया सुनील जाखड़ ने कहा कि इस तरह के "गैर-कानूनी व्यवहार" का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं और इस तरह की घटनाओं से किसानों के आंदोलन कमजोर होगा.
उन्होंने इस हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, "हर किसी को अपने विचार रखने की अनुमति दी जानी चाहिए और प्रत्येक नागरिक को एक दूसरे के बोलने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए. किसी को भी कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी सकती है."
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि इस घटना ने राज्य में धराशायी हो चुकी कानून-व्यवस्था को उजागर किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा है.
शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने नारंग पर "हिंसक हमले" को "अपमानजनक" करार दिया और एक निर्वाचित प्रतिनिधि की गरिमा की रक्षा करने में पुलिस की "विफलता" के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है."
(पीटीआई-भाषा के इनपुट के साथ)
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