"जाओ सोनिया गांधी से कह दो..." : पंजाब विधानसभा में हंगामे के बीच ऐसा क्यों बोले CM भगवंत मान?

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजपा का मजाक उड़ाते हुए उन्हें याद दिलाया कि कैसे कई वरिष्ठ नेता सबसे पुरानी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

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चंडीगढ़:

पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) में सोमवार को बजट पेश किए जाने के दौरान काफी हंगामा हुआ. विपक्ष की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) ने विधानसभा में अपना आपा खो दिया. भगवंत मान की पंजाब कांग्रेस के नेता और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) के साथ तीखी बहस हुई. भगवंत मान ने बाजवा पर बरसते हुए सीट शेयरिंग समझौता खत्म करने की बात कह डाली. मान ने बाजवा से कहा, "जाओ और सोनिया और राहुल गांधी से कहो कि वे हमारे लिए कुरुक्षेत्र, दिल्ली और गुजरात की लोकसभा सीटें न दें."

भगवंत मान की ओर से स्पीकर कुलतार सिंह संधवान को 'एक ताला और चाबी' सौंपने के बाद विधानसभा में बेकाबू सीन देखने को मिला. संधवान से विपक्ष को सदन के अंदर बंद करने के लिए कहा गया, ताकि वे चर्चा के दौरान बाहर न निकलें. ऐसा तब हुआ जब स्पीकर ने AAP विधायकों के अनुरोध पर सत्र की शुरुआत में 'प्रश्नकाल' और 'शून्यकाल' लेने की प्रथा से हटकर राज्यपाल के अभिभाषण में व्यवधान पर चर्चा की अनुमति दी.

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आपा खोते हुए पंजाब के सीएम भगवंत मान ने प्रताप सिंह बाजवा से कहा, "राहुल गांधी और सोनिया गांधी किसके साथ बैठते हैं? मेरे साथ. क्या आप कभी उनके साथ बैठे हैं?" मान ने कहा, "एक तरफ आप हमारे साथ (सीट बंटवारे पर) समझौता कर रहे हैं. दूसरी तरफ ये सब... जाओ और उनसे (सोनिया और राहुल गांधी) से कहो कि वे हमारे लिए कुरुक्षेत्र, दिल्ली और गुजरात (लोकसभा) सीटें न दें." मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता का मजाक उड़ाते हुए उन्हें याद दिलाया कि कैसे कई वरिष्ठ नेता सबसे पुरानी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. 


    
दूसरी तरफ, बाजवा ने आरोप लगाया कि सीएम भगवंत मान ने सभी के लिए अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया. बाजवा ने कहा, "सीएम भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस सुनना नहीं जानती, इसलिए विधानसभा के दरवाजे अंदर से बंद कर लेने चाहिए. क्या हम मजदूर हैं? हमने इतना कमजोर वक्ता नहीं देखा." विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मान से कहा कि वे नहीं भागेंगे. हालांकि, मान लगातार कहते रहे कि विपक्षी विधायक चले जाएंगे. 

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इस बीच अध्यक्ष ने कहा कि सदन के दरवाज़े पर ताला लगाने का मुद्दा सांकेतिक है, ताकि सदन में चर्चा की जा सके. सत्ता पक्ष के सदस्यों और कांग्रेसी विधायकों के बीच तीखी तकरार के बीच सदन को कुछ देर के लिए स्थगित भी करना पड़ा. सदन स्थगित होने के बाद बाजवा ने कुछ टिप्पणी की. इसके चलते सत्तारूढ़ AAP के सदस्य विपक्षी मेजों की ओर आ गए. नौबत हाथापाई तक पहुंच गई.

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इस हंगामे के बीच राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने अपना संबोधन छोटा कर दिया था. उन्होंने कुछ पंक्तियां पढ़ीं और सदन से कहा कि इसका बाकी हिस्सा पढ़ा हुआ समझा जाए.
 

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