पुणे पोर्श मामला : ड्राइवर को बदलने की भी की गई कोशिश - पुलिस 

पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा कि हमारे पास पब में शराब पीते हुए उसका सीसीटीवी फुटेज है. हम ये कहना चाहते हैं कि ब्लड रिपोर्ट ही हमारे पास एक मात्र सबूत है, हमारे पास अन्य सबूत भी हैं.

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पुणे पोर्शे मामले में पुलिस का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली:

पुणे पोर्श मामले में पुलिस ने एक बड़ा दावा किया है. पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के अनुसार अभी तक की जांच में ये बात भी निकलकर सामने आ रही है कि आरोपी के पिता ने इस दुर्घटना के बाद अपने बेटे की जगह ड्राइवर बदलने की कोशिश की गई थी. आपको बता दें कि पुणे में एक तेज रफ्तार पोर्शे कार ने बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी. इस घटना में बाइक पर सवार दोनों लोगों की मौत हो गई थी. 

"ड्राइवर के बयान की भी हो रही है जांच"

अमितेश कुमार ने इस घटना को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि यह सच है कि शुरुआत में ड्राइवर ने कहा था कि वह कार चला रहा है. हम जांच कर रहे हैं कि ड्राइवर ने यह बयान किसके दबाव में दिया था. उस दौरान ड्राइवर बदलने का प्रयास भी किया गया. हम इसकी भी जांच कर रहे हैं. पुलिस कमिश्नर ने पीसे में उन खबरों का भी खंडन किया जिसके तहत कहा जा रहा है कि कार को ड्राइवर चला रहा था. और उनके पास यह साबित करने के लिए वीडियो फुटेज है कि 17 वर्षीय लक्जरी कार चला रहा था.

"हमारे पास कई अहम सूबत हैं " 

पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा कि हमारे पास पब में शराब पीते हुए उसका सीसीटीवी फुटेज है. हम ये कहना चाहते हैं कि ब्लड रिपोर्ट ही हमारे पास एक मात्र सबूत है, हमारे पास अन्य सबूत भी हैं. वह (नाबालिग आरोपी) होश में था. ऐसा नहीं था कि वे सभी इतने नशे में थे कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था. उन्हें पूरी जानकारी थी कि उनके ऐसा करने के कारण धारा 304 कैब जैसी घटना घटती है. 

5 जून तक के लिए भेजा गया रिमांड पर

आपको बता दें कि आरोपी नाबलिग को जमानत देने के तीन बाद किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Board) ने अपने आदेश में संशोधन किया था और उसे 5 जून तक रिमांड होम भेज दिया है. इससे पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बीते रविवार को दुर्घटना के 15 घंटे के भीतर 17 साल के लड़के को जमानत दे दी थी और उसे सड़क हादसों पर एक निबंध लिखने के लिए कहा था. 

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