पुणे पोर्शे हादसा : बेटे को बचाने के लिए खून देने वाली मां हुई अरेस्ट

पुणे में एक 17 साल के नाबालिग ने अपनी 2.5 करोड़ की लग्जरी पोर्शे कार से दो बाइक सवारों को रौंदकर उनकी जान (Pune Accident) ले ली थी. हादसे के समय लड़का शराब के नशे में धुत था.

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पुणे पोर्शे कार हादसा मामला.
पुणे, महाराष्ट्र:

पुणे पोर्शे कार हादसा (Pune Porsche Accident) मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. पुलि, ने नाबालिग आरोपी की मां और बिल्डर की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. ये जानकारी पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने दी है. मामला आरोपी के ब्लड सैंपल को बदलने से जुड़ा है. ससून अस्पताल में आरोपी के ब्लड सैंपल को किसी महिला के ब्लड सैंपल के साथ बदलने की बात सामने आई थी. मामले की जांच कर रही कमेटी को पता लगा था कि आरोपी के ब्लड सैंपल को किसी महिला के ब्लड सैंपल से बदला गया था. जानकारी के मुताबिक ब्लड सैंपल बदलने के लिए आरोपी के परिवार ने डॉक्टर्स को 3 लाख रुपए ही घूस दी थी.क्राइम ब्रांच आशंका जता रही थी कि मां शिवानी अग्रवाल के ब्लड सैंपल से ही लड़के का ब्लड सैंपल बदला गया होगा.

Video :पुणे पोर्शे केस में नाबालिग़ आरोपी की मां भी गिरफ़्तार

माना जा रहा है कि इसी मामले में पुलिस ने उसकी मां को गिरफ्तार किया है.शिवानी अग्रवाल से क्राइम ब्रांच ने पहले पूछताछ भी की थी. हालांकि उसके बाद से वह 'आउट ऑफ रीच' थी. बयान दर्ज कराने के बाद से से शिवानी अग्रवाल पुलिस के संपर्क नहीं थी. लेकिन अब उसको गिरफ्तार कर लिया गया है. आज पुणे क्राइम ब्रांच नाबालिक आरोपी से भी पूछताछ करेगी. पुणे क्राइम ब्रांच ने  जेजीबी को पत्र लिखकर नाबालिक से पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी. जुबेनाइल कोर्ट ने क्राइम ब्रांच को परमिशन दे दी है. 

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नशे में धुत था पोर्शे चला रहा लड़का

शुक्रवार को इस केस में बड़ा खुलासा आरोपी के दोस्तों ने किया था. हादसे वाली रात पोर्शे कार में आरोपी के साथ बैठे उसके दोस्तों ने पुलिस को बताया कि एक्सीडेंट के समय वह नशे में धुत था. वह शराब के नशे में 200 की स्पीड से गाड़ी सड़क पर दौड़ा रहा था. 

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क्या है पुणे हादसा मामला?

19 मई की वो भयावह रात, जब दोस्तों संग पार्टी करने गए पुणे के एक रईसजादे ने दो परिवार की खुशियों को पूरी तरह से उजाड़ दिया था. उसने अपनी महंगी लग्जरी कार से बाइक से जा रहे दो आईटी इंजीनियरों की जांन ले ली. अश्वनी और अनीश नाम के दोनों इंजीनियर बाइक से जा रहे थे. उसी दौरान पोर्शे मे उनको रौंद दिया. हादसा इतना भीषण था कि दोनों हवा में उछलकर जमीन पर जा गिरे और उनकी मौत हो गई. 

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इन शर्तों पर आरोपी को मिली थी जमानत

दो लोगों की जान लेने की सजा महज 300 शब्दों का निबंध लिखने और ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 काम करने मात्र थी. जुबेनाइक कोर्ट ने आरोपी को गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे बाद शर्तों के साथ जमानत दे दी थी. जिसके बाद देशभर में आक्रोश उमड़ पड़ा. पुलिस ने सेशन कोर्ट में आरोपी को वयस्कों की तरह सजा देने की मांग की. कई एग्जांपल दिए गए. आखिरकार जुबेनाइल कोर्ट ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए लड़के को रिमांड होम भेज दिया है. 

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