पुणे पोर्शे हादसा: नाबालिग को जमानत देने वाले जज बिना हेलमेट के स्कूटर चलाने पर हुए ट्रोल

दानवड़े ने पुणे के पोर्शे एक्सीडेंट मामले में आरोपी नाबालिग लड़के को निबंध लिखने की शर्त के साथ जमानत दे दी थी.

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पुणे में हुई दुर्घटना में मध्यप्रदेश की आईटी इंजीनियर अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया की मौत हो गई.

पुणे के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) के जज एलएन दानवड़े को बिना हेलमेट पहने स्कूटर चलाने पर सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है. दानवड़े ने पुणे के पोर्शे एक्सीडेंट मामले में आरोपी नाबालिग लड़के को निबंध लिखने की शर्त के साथ जमानत दे दी थी. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में वे उन्हें घेरकर खड़े पत्रकारों के सवालों का जवाब दिए बिना भागते हुए दिख रहे हैं.

न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे पोर्शे मामले में किशोर न्याय बोर्ड के मेंबर एलएन दानवड़े ने 17 साल के लड़के को जमानत दी थी. उनको दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न पहनने के लिए सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया.

सोशल मीडिया पर वीडियो पर की गई टिप्पणियों में यूजर्स ने लिखा कि जेजेबी सदस्य ने टू-व्हीलर चलाते समय हेलमेट नहीं पहना था. एक यूजर ने लिखा, "कोई समस्या नहीं, ट्रैफिक पुलिस उनसे बिना हेलमेट के स्कूटर चलाने के आनंद के बारे में एक निबंध लिखने के लिए कहेंगे."

एक अन्य यूजर ने पुणे पुलिस और पुणे ट्रैफिक पुलिस को टैग करते हुए लिखा, "मुझे आशा है कि आप इस स्कूटर चालक को बिना हेलमेट में देखकर ट्रैफिक नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे. कानून के पालन में कोई अंतर नहीं होना चाहिए."

पुणे में नाबालिग ने नशे में पोर्श कार चलाते हुए दो बाइक सवार आईटी पेशेवरों को टक्कर मार दी थी. उसको बिना किसी सख्त सजा के जमानत देने पर दानवड़े की भारी निंदा की गई थी. बोर्ड ने नाबालिग को ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिन तक काम करने, हादसों पर एक निबंध लिखने, शराब छोड़ने के लिए उपचार कराने और मनोचिकित्सक से सलाह लेने के लिए कहा था. बाद में बोर्ड ने जमानत का आदेश बदल दिया और लड़के को पांच जून तक निगरानी गृह में भेज दिया था.

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