महाराष्ट्र के पुणे में गणेशोत्सव के आखिरी दिन गणपति प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई. जहां, एक परिवार पर कथित तौर पर 21 लोगों ने हमला कर दिया. इसके पीछे वजह ये रही कि उन्होंने अपने परिवार में एक व्यक्ति की मौत के कारण गणपति प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान लाउड म्यूजिक बजाने से मना किया था. पुलिस ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि यह घटना पिंपरी चिंचवड़ में सोमाथेन फाटा के पास गणेश नगर में हुई. इसमें शिकायतकर्ता सुनील शिंदे के बेटे की हाल ही में मृत्यु हो गई थी. इस वजह से जब विसर्जन जुलूस उनके घर के पास से गुजरी, तो उन्होंने उनसे लाउड म्यूजिक नहीं बजाने को कहा, क्योंकि परिवार में बेटे की मौत के कारण शोक का माहौल था.
तालेगांव दाभाड़े पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने कहा, "मूर्ति विसर्जन के बाद लौटते समय आरोपियों ने उन पर लोहे की छड़ों, लाठियों और धारदार हथियारों से हमला किया. इस दौरान शिंदे, उनके परिवार के कुछ सदस्यों और उनके ड्राइवर को गंभीर चोटें आईं हैं."
अधिकारी ने कहा कि इस हमले के सिलसिले में सभी 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि 21 आरोपियों पर हत्या के प्रयास, दंगा और अन्य अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
पुणे में गणपति उत्सव के आखिरी दिन 30 घंटे से अधिक समय तक सार्वजनिक मंडलों का जुलूस चला और 2,904 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया.