महाराष्ट्र में पास हुआ जन सुरक्षा बिल, जानें इसका क्या असर पड़ेगा, क्यों है ये खास...

महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि ये कानून वामपंथी, उग्रवादी विचारधारा का प्रचार प्रसार करने वाले संगठनों पर कार्यवाई के लिए जरूरी है.

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  • महाराष्ट्र विधानसभा ने स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल पास किया है, जिससे माओवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई संभव होगी.
  • पुलिस को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा मानते हुए बिना आरोप के किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार मिलेगा.
  • बिल गैर जमानती है और इसमें जांच सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी करेंगे.
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Special Public Safety Bill 2024: बीते दिन फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में एक नया बिल पास किया है, जिससे माओवादियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा सकेगा. बिल का नाम है स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल. बिल में महाराष्ट्र की पुलिस को काफी पावर दी है कि वो राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कड़े फैसले ले. बिल के पास होने के बाद अब पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने पर किसी शख्स को बिना आरोप के तुरंत हिरासत में ले सकती है. 

    क्या है जन सुरक्षा बिल?

    महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि ये कानून वामपंथी के साथ उग्रवादी सोच को बढ़ाने वाले संगठनों पर कार्यवाई के लिए जरूरी है. सीएम फडणवीस ने बताया कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीस और झारखंड में ये कानून पहले से है. महाराष्ट्र पुलिस को वामपंथी, उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन लेने में समस्या का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए इस कानून को लाया गया है. 

    जन सुरक्षा बिल की खास बातें:

    • ये बिल एक गैर जमानती है.
    • आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने का है मकसद.
    • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने पर बिना आरोप के हिरासत में लिया जा सकता है.
    • देश के दूसरे कुछ राज्यों में ये कानून मौजूद है.
    • इस कानून में सब इंस्पेक्टर या इससे ऊपर के अधिकारी जांच करेंगे.
    • चार्जशीट ADG लेवल के अधिकारियों की मंजूरी के बाद ही दाखिल होगी.
    • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे संगठनों पर तुरंत कार्यवाई की जा सकेगी.
    • संगठनों के बैंक अकाउंट भी फ्रीज कर सकते हैं.

    बिल को पास कराने में लगा 6 महीने का समय     

    पिछले साल दिसंबर में महाराष्ट्र सरकार ने इस जन सुरक्षा बिल को विधानसभा में सामने रखा था. लेकिन विपक्ष का इस बिल पर भारी विरोध रहा, इसके बाद बिल को विधानसभा की जॉइंट सेलेक्ट कमेटी (JSC) के पास भेज दिया गया. अब 6 महीने बाद 10 जुलाई को ये बिल विधानसभा में फिर से पेश किया गया. बहुमत के आधार पर बिल पास कर दिया गया.

    बिल का क्या पड़ेगा असर?

    आपको बता दें कि कुछ समय पहले महाराष्ट्रल के 5 जिलों में माओवादियों का असर था. हालांकि सरकार की कोशिश के बाद ये समस्या 2 जिलों तक ही रह गई है. प्रदेश के युवाओं की सोच को बदलकर माओवादी उनका इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ कर रहे थे, जो इस कानून के बनने के बाद बहुत हद तक कम होगा. 

    क्या है माओवादी संगठन?

    माओवादिओं को नक्सली भी कहते हैं. ये संगठन सरकारी विरोधी काम करता है. मार्क्सवादी-लेनिनवादी सोच पर माओवादी काम करते हैं. इन संगठनों से देश के विकास में रुकावट आती है. भारत की बात करें तो छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में ये संगठन काम कर रहा है.

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