कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने गंगा नदी में अपने मेडल को प्रवाहित करने का फैसला टाल दिया है. हरिद्वार के हर के पैड़ी पर मौजूद सभी पहलवान अब पीछे हट गए हैं. पहलवानों ने बृजभूषण पर कार्यवाही के लिए अब 5 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. पहलवान मंगलवार की शाम को अपने मेडल के साथ हरिद्वार पहुंचे थे. हरिद्वार पहुंचने के बाद इन पहलवानों ने कहा था कि जब सरकार हमारी बात सुनने को और ना ही आरोपी सांसद पर कार्रवाई करने को तैयार है तो ऐसे में देश के लिए जीते ये मेडल हमारे किस काम के. हम इन मेडल को गंगा में बहाने के लिए यहां आए हैं. विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई शीर्ष प्रदर्शनकारी पहलवान हरिद्वार पहुंचे हैं. इन पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं.
पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था. बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को 28 मई को वहां से हटा दिया गया था.
मिल रही जानकारी के अनुसार पहलवानों ने हरिद्वार से लौटने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठने के का भी फैसला किया है. हालांकि, दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसी को भी इंडिया गेट या उसके आस पास किसी तरह के प्रदर्शन या अनशन की इजाजत नहीं दी जाएगी.
बता दें कि 28 मई को दिल्ली पुलिस ने इन पहलवानों को उस वक्त जंतर-मंतर से हटा दिया था जब ये सभी पहलवान नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर जंतर-मंतर से नई संसद तक मार्च निकालने जा रहे थे. दिल्ली पुलिस ने इन पहलवानों को बाद में हिरासत में भी लिया था. साथ ही इनपर दंगा करने की कोशिश की धाराओं समेत कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद कई पहलवानों ने ट्वीट किया था और कहा था कि हमारा संघर्ष यहीं खत्म नहीं होता है. हम आगे भी अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे.
पहलवान साक्षी मलिक ने अपने ट्वीट में लिखा था कि हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर-मंतर पर सत्याग्रह शुरू करेंगे. इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा.
साक्षी मलिक ने हरिद्वार पहुंचने के बाद भी एक ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि क्या हमने इंसाफ मांगकर कोई गुनाह कर दिया. पुलिस ने हमारे साथ कितनी बर्बरता से व्यवहार किया. हम तो शांति से बैठक प्रदर्शन कर रहे थे.