भारतीय सेना में पहली बार 5 महिला सैन्य अफसरों को कर्नल रैंक के प्रमोशन की सिफारिश

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सेना के एक सेलेक्शन बोर्डने इन पांच महिला अफसरों को कर्नल रैंक पर प्रमोशन की सिफारिश की है. गणना योग्य 26 साल की सेवा के बाद यह उन्हें यह ओहदा मिलेगा.  

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Indian Army ने पांच महिला सैन्य अफसरों के पदोन्नति को हरी झंडी दिखाई
नई दिल्ली:

भारतीय सेना में 5 महिला अफसरों को प्रमोशन (Five women officers of Indian Army, promotion to Colonel rank) की सिफारिश की गई है.रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सेना के एक सेलेक्शन बोर्डने इन पांच महिला अफसरों को कर्नल रैंक पर प्रमोशन की सिफारिश की है. गणना योग्य 26 साल की सेवा के बाद यह उन्हें यह ओहदा मिलेगा. इस कदम को भारतीय सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन (Permanent commission to women in the Indian Army)देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार औऱ सेना ने इस दिशा में कदम उठाए थे.

सेना में महिला अफसरों की बड़ी जीत, SC ने कहा - स्थायी कमीशन के लिए मेडिकल फिटनेस मापदंड मनमाना

Advertisement

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिग्नल कोर, इलेक्ट्रानिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर, इंजीनियर्स कोर में अब तक काम कर रही महिला सैन्य अफसरों को पहली बार कर्नल रैंक दी गई है. आर्मी मेडिकल कोर, जज एडवोकेट जनरल और आर्मी एजुकेशन कार्प्स में कार्यरत महिला सैन्य अफसरों को यह रैंक प्रमोशन दी गई है.

Advertisement
Advertisement

रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने कहा कि दिन पांच महिला सैन्य अधिकारियों को कर्नल टाइम स्केल रैंक के लिए चुना गया है. इनका नाम सिग्नल कोर के संगीता सरदाना, इलेक्ट्रानिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स कार्प्स की लेफ्टिनेंट कर्नल सोनिया आनंद और लेफ्टिनेंट कर्नल नवनीत दुग्गल, इंजीनियर कोर की लेफ्टिनेंट कर्नल रीनू खन्ना और लेफ्टिनेंट कर्नल रित्चा सागर शामिल हैं. 

Advertisement

गौरतलब है कि सु्प्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में सेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन (Permanent Commission for Women Officers in Armed Forces) देने के मामले में कड़ी टिप्पणी की थी. अदालत ने कहा था, "केंद्र सरकार स्थायी कमीशन के फैसले को वैसे ही लागू करे, जैसे यह दिया गया है.अदालत ने कहा कि हम फैसले को फिर से नहीं खोलेंगे. अगर आप खुश नहीं हैं तो पुनर्विचार दाखिल करें."

सुप्रीम कोर्ट ने केस को फिर से खोलने से इनकार कर दिया है. अदालत ने केंद्र सरकार की स्पष्टीकरण के लिए दाखिल अर्जी पर विचार करने से इनकार किया.सुप्रीम कोर्ट ने महिला अफसरों की अर्जी पर भी सुनवाई से इनकार किया. कोर्ट ने सफाई मांगने के  "तरीके" पर नाराजगी जाहिर की थी.पीठ ने कहा था कि अगर फैसले के संबंध में कोई शिकायत है, तो इस पर पुनर्विचार के लिए ही सही विकल्प है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र फैसले को वैसे ही लागू किया जाए, जैसे यह दिया गया है. इस कड़ी टिप्पणी के बाद यह फैसला आया है.

हम लोग: भारतीय सेना में महिलाओं को मिलेगा स्थायी कमीशन

Featured Video Of The Day
Sharad Pawar Retirement: राजनीति से संन्यास लेंगे शरद पवार? Baramati में कह दी बड़ी बात