नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटाने का वादा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किया गया है और उन्हें डर है कि जिस तरह लद्दाख के लोगों को छठी अनुसूची के वादे के सिलसिले में ठगा गया है, उसी तरह यहां भी लोगों को ठगा जाएगा. वह मीडिया की इस खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र भविष्य में जम्मू कश्मीर से अफस्पा हटाने पर निश्चित ही विचार करेगा.
अब्दुल्ला ने बडगाम जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं 2011 से इस दिन का इंतजार कर रहा हूं. (जब वह मुख्यमंत्री थे,) तब) हमने भी अफस्पा हटाने की काफी कोशिश की, लेकिन मुझे डर है कि जिस तरह लद्दाख के लोगों को छठी अनुसूची के वादे पर गुमराह किया और ठगा गया, उसी तरह जम्मू कश्मीर के लोगों को गुमराह किया जाएगा एवं ठगा जाएगा, क्योंकि यहां चुनाव हैं.''
उन्होंने सवाल किया, ‘‘ जहां तक अफस्पा हटाने की बात है तो आज से ही शुरू कीजिए. जब वे कहते हैं कि स्थिति सामान्य है, आतंकवाद खत्म हो गया है, अब अलगाववादी विचार नहीं बचा है तो फिर वे किस बात का इंतजार कर रहे हैं?''
निजी टीवी चैनल ‘गुलिस्तां न्यूज' के अनुसार शाह ने कहा, ‘‘स्थिति सामान्य होती जा रही है और हम जम्मू कश्मीर से अफस्पा हटाने पर तेजी से विचार कर रहे हैं तथा बदलाव की स्थिति पर गौर किया जा रहा है.''इस केंद्र शासित प्रदेश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे जिसकी शुरुआत 19 अप्रैल को होगी.