एनडीए की सहयोगी और महाराष्ट्र में महायुति सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने किसानों के लिए जाति आधारित जनगणना और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की है. पार्टी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा-पत्र जारी किया और कहा कि पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण को भारत रत्न पुरस्कार देने और मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने की अपनी मांगों को आगे बढ़ाएगी.
राकांपा ने किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना दी जाने वाली राशि में वृद्धि की मांग की है. पार्टी कृषि फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाने और इसे अधिक किसान-अनुकूल बनाने की पक्षधर है. इसके अलावा, पार्टी ने मुद्रा योजना के तहत ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रयास करने का प्रस्ताव दिया है.
पार्टी ने बिजली के पारंपरिक स्रोतों पर किसानों की निर्भरता को कम करने के लिए कहा कि कृषि उत्पादकता और आय बढ़ाने के लिए बिजली आपूर्ति के स्थायी स्रोत प्रदान करने और सौर ऊर्जा, गतिज ऊर्जा, जलविद्युत परियोजनाओं आदि को बढ़ावा देने की बात कही. इसके अलावा, पार्टी ने अपने घोषणापत्र में 12 बलुतेदार (कारीगरों, शिल्पकारों) वर्गों के लिए विश्वकर्मा योजना का दायरा बढ़ाकर महाराष्ट्र को भारत की कौशल विकास राजधानी बनाने और आधुनिक कौशल विकास तकनीक के साथ उद्योगों को विकसित करने के लिए प्रयास करने का उल्लेख किया.
घोषणा-पत्र के मुताबिक पार्टी राज्य में अनुबंध के आधार पर निजी कंपनियों में शिक्षित और कुशल युवाओं का पारिश्रमिक 12 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रति माह करने का प्रयास करेगी. लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के समर्थन को भी पार्टी ने दोहराया है. विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक को लेकर हालिया विवादों के बीच, एनसीपी ने पेपर लीक को रोकने और भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक सख्त कानून बनाने की मांग की है.
एनसीपी ने पूरे देश में 60 साल से ऊपर के लोगों को रेलवे और मेट्रो यात्रा पर 50 प्रतिशत की छूट देने और 70 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू करने का प्रस्ताव रखा है. पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर नदी-जोड़ने और नदी-शुद्धिकरण परियोजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव रखा है.