- भारत में जन्मी मादा चीता मुखी ने प्रोजेक्ट चीता के तहत पांच शावकों को जन्म दिया है.
- यह पहली बार है जब किसी भारत में जन्मे चीते ने देश में ही प्रजनन कर इतिहास रचा है.
- बोत्सवाना ने भारत को 8 चीते भेंट किए जो परियोजना चीता के अगले चरण के तहत स्थानांतरित किए गए हैं.
भारत में जन्मी मादा चीता 'मुखी' ने पांच शावकों को जन्म दिया है. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने "प्रोजेक्ट चीता" (Project Cheetah) के तहत इस उपलब्धि की घोषणा गुरुवार को की. 33 महीने की मादा चीता 'मुखी' भारत में जन्मी पहली मादा चीता है जिसने भारत में ही शावकों को जन्म दिया है. इसे भारत की चीता पुनरुत्पादन पहल (Cheetah reintroduction initiative) के लिए एक ऐतिहासिक क्षण के तौर पर देखा जा रहा है.
भूपेंद्र यादव ने "प्रोजेक्ट चीता" के तहत इस उपलब्धि की घोषणा 'X' पर एक सोशल मीडिया पोस्ट पर करते हुए कहा,
"हाल के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी भारत में ही जन्मे भारतीय चीते ने प्रजनन किया है. ये प्रोजेक्ट चीता के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. भारत में जन्मे चीते द्वारा सफल प्रजनन, भारतीय आवासों में इस प्रजाति के अडॉप्टेशन, स्वास्थ्य और दीर्घकालिक संभावनाओं का एक मजबूत संकेतक है. मां और शावक दोनों स्वस्थ हैं. यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम भारत में चीता की आबादी के पुनर्वास की आशा को मज़बूत करता है".
बोत्सवाना ने भारत को भेंट किए 8 चीते
पिछले ही हफ्ते 13 नवम्बर को बोत्सवाना ने परियोजना चीता (Project Cheetah) के अगले चरण के लिए भारत को आठ चीते भेंट किए थे. इस फैसले की घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बोस्तवाना दौरे के दौरान की गई थी. राष्ट्रपति मुर्मु ने बोत्सवाना के राष्ट्रपति के साथ मोकोलोडी नेचर रिजर्व (Mokolodi Nature Reserve) में भारत और बोत्सवाना के विशेषज्ञों की ओर से घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को क्वारंटाइन केंद्र में छोड़े जाने के दृश्य को देखा था.
कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरिक किया
परियोजना चीता (Project Cheetah) को 17 सितम्बर, 2022 को लांच किया गया था. इसके तहत सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया था. इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से बारह चीतों को स्थानांतरित किया गया.
नए परिवेश में ढल गए चीता: पर्यावरण मंत्रालय
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से अधिकांश चीते अपने नए परिवेश में अच्छी तरह ढल गए हैं. 2023 में एक मादा चीता ने 75 साल के बाद भारत की धरती पर शावकों को जन्म दिया था. इसके बाद 3 जनवरी 2024 को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में भी नामीबियाई चीता आशा के तीन शावकों का जन्म हुआ था.














