विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या कर दी गई. वो दंरभंगा जिले के घनश्यामपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में स्थित अपने घर में अकेले रहते थे. अपराधियों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी. इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. विपक्ष इस हत्याकांड को लेकर बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है. वह इसे जंगलराज बता रहा है.
मायानगरी से राजनीति की पगडंडियों पर
मुंबई में मुकेश सहनी की कंपनी 'मुकेश फिल्म वर्क्स प्राईवेट लिमिटेड'फिल्मों और टीवी के सेट डिजाइनिंग का काम करती है.मुकेश ने मुंबई से लौटकर राजनीति में कदम रखा. 31 मार्च 1981 को पैदा हुए सहनी बिहार की आबादी में करीब छह फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले मल्लाह या निषाद जाति से आते हैं.वो निषाद विकास संघ के बैनर तले 2016 से ही राजनीति में सक्रिय हैं.उन्होंने 2018 में पटना के गांधी मैदान में आयोजित 'निषाद आरक्षण महारैला'के जरिए अपनी ताकत का एहसास कराया था.इसी रैली में उन्होंने 'विकासशील इंसान पार्टी'के गठन की घोषणा की थी.यह पार्टी वीआईपी के नाम से मशहूर है.
मुकेश सहनी खुद को 'सन ऑफ मल्लाह' कहते हैं.इसे वो बार में दिखाते भी रहते हैं. इस साल लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ हेलिकॉप्टर में मछली खाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था. वहीं वो अपनी पार्टी के कार्यक्रमों में भी मछली के साथ नजर आते हैं. यह अपने समाज के लोगों के साथ जुड़े रहने की एक तरकीब की तरह नजर आता है.
बड़ी सफलता की अभी भी है दरकार
वीआईपी के गठन के बाद उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव में राजद-कांग्रेस और वामदलों के महागठबंधन में शामिल होकर लड़ा था. वीआईपी को सीटों के समझौते में तीन सीटें मिली थीं. लेकिन वह किसी भी सीट पर जीत नहीं पाए. लेकिन पार्टी सात लाख वोट पाने में कामयाब रही.सहनी ने खुद खगड़िया सीट से चुनाव लड़ा था.लेकिन उन्हें लोकजनशक्ति पार्टी के चौधरी महबूब अली कैसर ने ढाई लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था.मुकेश सहनी ने अपना पहला चुनाव सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से लड़ा था. उन्हें जीत भी मिली थी.उन्हें नीतीश कुमार की सरकार में पशुपालन मंत्री बनाया गया था.
सहनी बिहार की नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार पर निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की उनकी मांग पूरी न करने का आरोप लगाकार बाहर आ गए थे. सहनी की वीआईपी ने 2024 का लोकसभा चुनाव भी महागठबंधन के साथ लड़ा. उन्हें लड़ने के लिए मोतिहारी, गोपालगंज और झंझारपुर सीट दी गई थी. लेकिन उन्हें किसी भी सीट पर सफलता नहीं मिली.तीनों सीटों पर उनके उम्मीदवार दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा.इस चुनाव में खुद मुकेश सहनी चुनाव मैदान में नहीं उतरे. उन्होंने इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ जमकर प्रचार किया था.
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